डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन के साथ प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी है.
वाशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम उन जोंग के साथ अपनी प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी है. 12 जून को सिंगापुर में ये बैठक होनी थी. लेकिन ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि किम के उकसावे भरे बयानों की वजह से ये बातचीत रद्द की जा रही है. ट्रंप ने ये बातचीत रद्द करने का फैसला ऐसे दिन किया जब उत्तर कोरिया ने अपने ऐटमी परीक्षण ठिकाने नष्ट कर दिए.
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ प्रस्तावित अपनी बैठक आज रद्द कर दी और अपने इस फैसले के लिए उत्तर कोरिया के‘‘जबरदस्त गुस्से’’ एवं ‘‘खुली शत्रुता’’ को जिम्मेदार बताया. ट्रंप की घोषणा से कुछ घंटों पहले उत्तर कोरिया ने कथित रूप से अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहा दिया था.
ट्रंप ने किम को एक पत्र लिखा जिसे प्रेस के लिए जारी किया गया. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपके साथ वार्ता को लेकर काफी उत्साहित था. दुखद रूप से आपके हालिया बयान में दिखे जबरदस्त गुस्से एवं खुली शत्रुता के आधार पर मुझे लगा कि लंबे समय से प्रस्तावित यह बैठक करना इस समय सही नहीं होगा.’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने 24 मई की तारीख वाले अपने पत्र में कहा, ‘‘इसलिए कृपया इस पत्र को संदेश के रूप में देखें कि दोनों पक्षों की भलाई के लिए सिंगापुर शिखर वार्ता नहीं होगी हालांकि इससे दुनिया का नुकसान होगा.’’
ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता को एक साफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘आप परमाणु क्षमताओं की बात करते हैं लेकिन हमारी क्षमता इतनी विशाल एवं शक्तिशाली है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उनका कभी इस्तेमाल ना करना पड़े..’’ अमेरिकी प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह ‘‘उत्तर कोरिया का पूर्ण, सत्यापन योग्य एवं अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण’’ देखना चाहता है. लेकिन उत्तर कोरिया ने घोषणा की है कि जब तक वह कथित अमेरिकी आक्रमण से खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता, वह अपना परमाणु प्रतिरोध नहीं छोड़ेगा.
ट्रंप ने लिखा, ‘‘मुझे लगा कि आपके और मेरे बीच एक शानदार बातचीत की जमीन तैयार हो रही है और आखिरकार बातचीत ही मायने रखती है. मुझे उम्मीद है कि किसी दिन हमारी मुलाकात होगी.’’ हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे किम के साथ बातचीत की गुंजाइश बनाए रखी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस बेहद महत्वपूर्ण शिखर वार्ता को लेकर आपका मन बदल जाए तो कृपया मुझसे बात करने में या मुझे पत्र लिखने में संकोच ना करें. दुनिया और खासकर उत्तर कोरिया ने स्थायी शांति और शानदार खुशहाली एवं संपदा का एक बड़ा मौका गंवा दिया. यह मौका गंवाना इतिहास का एक दुखद पल है.’’
ट्रंप ने तीन अमेरिकी बंधकों को रिहा करने के लिए किम का आभार जताया. उन्होंने कहा, ‘‘वह एक खूबसूरत पहल थी और हम उसकी काफी सराहना करते हैं.’’ ट्रंप ने साथ ही बैठक को लेकर प्रयासों के लिए उत्तर कोरियाई नेता की सराहना की. उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम 12 जून को सिंगापुर में तय बैठक, जिसकी दोनों पक्ष लंबे समय से मांग कर रहे थे, को लेकर हमारे हाल की बातचीत एवं चर्चाओं के संबंध में आपके समय, धैर्य एवं प्रयास की काफी सराहना करते हैं. हमें बताया गया था कि उत्तर कोरिया ने बैठक का अनुरोध किया था लेकिन यह बात हमारे लिए बिल्कुल मायने नहीं रखती.’’
अप्रैल में ट्रंप ने किम के बैठक के न्यौते को स्वीकार कर दुनिया को चौंका दिया था. दोनों नेता पूर्व में एक-दूसरे के लिए अपमानजनक भाषा इस्तेमाल कर चुके हैं और एक-दूसरे को धमकियां दे चुके हैं. यह शिखर वार्ता अमेरिका के किसी मौजूदा राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच अब तक की पहली बैठक होती.
(इनपुट भाषा से)
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ प्रस्तावित अपनी बैठक आज रद्द कर दी और अपने इस फैसले के लिए उत्तर कोरिया के‘‘जबरदस्त गुस्से’’ एवं ‘‘खुली शत्रुता’’ को जिम्मेदार बताया. ट्रंप की घोषणा से कुछ घंटों पहले उत्तर कोरिया ने कथित रूप से अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहा दिया था.
ट्रंप ने किम को एक पत्र लिखा जिसे प्रेस के लिए जारी किया गया. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपके साथ वार्ता को लेकर काफी उत्साहित था. दुखद रूप से आपके हालिया बयान में दिखे जबरदस्त गुस्से एवं खुली शत्रुता के आधार पर मुझे लगा कि लंबे समय से प्रस्तावित यह बैठक करना इस समय सही नहीं होगा.’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने 24 मई की तारीख वाले अपने पत्र में कहा, ‘‘इसलिए कृपया इस पत्र को संदेश के रूप में देखें कि दोनों पक्षों की भलाई के लिए सिंगापुर शिखर वार्ता नहीं होगी हालांकि इससे दुनिया का नुकसान होगा.’’
ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता को एक साफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘आप परमाणु क्षमताओं की बात करते हैं लेकिन हमारी क्षमता इतनी विशाल एवं शक्तिशाली है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उनका कभी इस्तेमाल ना करना पड़े..’’ अमेरिकी प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह ‘‘उत्तर कोरिया का पूर्ण, सत्यापन योग्य एवं अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण’’ देखना चाहता है. लेकिन उत्तर कोरिया ने घोषणा की है कि जब तक वह कथित अमेरिकी आक्रमण से खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता, वह अपना परमाणु प्रतिरोध नहीं छोड़ेगा.
ट्रंप ने लिखा, ‘‘मुझे लगा कि आपके और मेरे बीच एक शानदार बातचीत की जमीन तैयार हो रही है और आखिरकार बातचीत ही मायने रखती है. मुझे उम्मीद है कि किसी दिन हमारी मुलाकात होगी.’’ हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे किम के साथ बातचीत की गुंजाइश बनाए रखी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस बेहद महत्वपूर्ण शिखर वार्ता को लेकर आपका मन बदल जाए तो कृपया मुझसे बात करने में या मुझे पत्र लिखने में संकोच ना करें. दुनिया और खासकर उत्तर कोरिया ने स्थायी शांति और शानदार खुशहाली एवं संपदा का एक बड़ा मौका गंवा दिया. यह मौका गंवाना इतिहास का एक दुखद पल है.’’
ट्रंप ने तीन अमेरिकी बंधकों को रिहा करने के लिए किम का आभार जताया. उन्होंने कहा, ‘‘वह एक खूबसूरत पहल थी और हम उसकी काफी सराहना करते हैं.’’ ट्रंप ने साथ ही बैठक को लेकर प्रयासों के लिए उत्तर कोरियाई नेता की सराहना की. उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम 12 जून को सिंगापुर में तय बैठक, जिसकी दोनों पक्ष लंबे समय से मांग कर रहे थे, को लेकर हमारे हाल की बातचीत एवं चर्चाओं के संबंध में आपके समय, धैर्य एवं प्रयास की काफी सराहना करते हैं. हमें बताया गया था कि उत्तर कोरिया ने बैठक का अनुरोध किया था लेकिन यह बात हमारे लिए बिल्कुल मायने नहीं रखती.’’
अप्रैल में ट्रंप ने किम के बैठक के न्यौते को स्वीकार कर दुनिया को चौंका दिया था. दोनों नेता पूर्व में एक-दूसरे के लिए अपमानजनक भाषा इस्तेमाल कर चुके हैं और एक-दूसरे को धमकियां दे चुके हैं. यह शिखर वार्ता अमेरिका के किसी मौजूदा राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच अब तक की पहली बैठक होती.
(इनपुट भाषा से)
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