तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी कब्जा जमा लिया है. तालिबान के गुरुवार को भी जारी हमले के बीच अफगान सुरक्षाबलों को हेरात को छोड़ना पड़ा है. तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर आधे से अधिक अफगान पर कब्जा कर लिया है. सरकार ने अधिकांश उत्तर, दक्षिण और पश्चिम अफगानिस्तान को प्रभावी रूप से खो दिया है.
शहर के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने एएफपी को बताया, "हमें और विनाश को रोकने के लिए शहर छोड़ना पड़ा." तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि "सैनिकों ने हथियार डाल दिए और मुजाहिदीन में शामिल हो गए." इससे पहले, आंतरिक मंत्रालय ने काबुल से लगभग 150 किलोमीटर (95 मील) दूर और दक्षिण में कंधार और तालिबान के प्रमुख राजमार्ग के साथ गजनी शहर पर तालिबान के कब्जे की पुष्टि की थी.
तालिबान अब तक 34 प्रांतीय राजधानियों में से 11 पर कब्जा जमा चुका है. हेरात पर कब्जा तालिबान के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है.
कई दिनों से जारी संघर्ष पर अफगान सुरक्षा बल और सरकार कोई टिप्पणी नहीं कर रही है. संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं.
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इससे पहले खबर आई थी कि कतर में अफगान सरकार के वार्ताकारों ने तालिबान को देश में लड़ाई को समाप्त करने के बदले में सत्ता-साझाकरण सौदे की पेशकश की. इस बारे में एक सरकारी वार्ता सूत्र ने गुरुवार को एएफपी को बताया. सूत्र ने कहा, "हां, सरकार ने मध्यस्थ के रूप में कतर को एक प्रस्ताव सौंपा है. यह प्रस्ताव तालिबान को देश में हिंसा को रोकने के बदले में सत्ता साझा करने की अनुमति देता है."
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