
प्रतीकात्मक तस्वीर...
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भारत ने यूएन से पूछा- क्या हम इस रुख के पीछे की वजह जान सकते हैं?
अखुंदजादा का नाम आतंकवादियों के नाम वाली किसी सूची में नहीं है.
भारत ने सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से लागू को कहा.
यहां सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान के संबंध में जारी बहस में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा, 'प्रतिबंधित संगठन तालिबान के नेता को आतंकी घोषित नहीं किया जाना हमारे लिए अब तक रहस्य बना हुआ है. क्या हम इस रुख के पीछे की वजह जान सकते हैं?' तालिबान ने मई में मुल्ला अख्तर मुहम्मद मंसूर के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने पर एक कट्टरपंथी मौलवी हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया नेता बनाया था. अखुंदजादा का नाम आतंकवादियों के नाम वाली किसी सूची में नहीं है.
लाल ने सवाल उठाया कि एक प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख को आतंकवादी घोषित न करके वैश्विक संस्था शांति एवं सुरक्षा के समक्ष मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक खतरे (आतंकवाद) से कैसे निपटना चाहती है?
लाल ने कहा, 'क्या इसके पीछे यह सोच है कि प्रतिबंधित संगठनों के नेताओं को उनके समूह के कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा? क्या अब हम इसी तरह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं शांति पर मंडराने वाले सबसे गंभीर खतरों में से एक खतरे से निपटने का इरादा रखते हैं?' लाल ने सवाल उठाया कि क्या संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध प्रणाली के कामकाज पर भारत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब 'बहरा कर देने वाली खामोशी' होगी? उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली सुरक्षा परिषद समिति 1988 की पिछले माह हुई बैठक के साथ भी ऐसा ही हुआ था. इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है कि बैठक में क्या चर्चा हुई थी? लाल ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग और समूह अफगानिस्तान की जनता एवं सरकार के खिलाफ हिंसा की साजिश रचते हैं, 'उन्हें अफगानिस्तान के पड़ोस में सुरक्षित ठिकाने नहीं मिलने चाहिए.' उन्होंने कहा कि अफगान सरकार ने आतंकवाद खत्म करने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस, अलकायदा, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद द्वारा अफगानिस्तान को निशाना बनाए जाने पर 'अन्य लोगों ने इसे संवेदनहीन ढंग से नजरअंदाज' किया है.
लाल ने सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से लागू करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित संगठनों और उसके सदस्यों के लिए एक 'कड़े प्रतिरोधक' के रूप में काम करने के लिए यह 'बेहद जरूरी' है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र, तालिबान, पाकिस्तान, आतंकवाद, हैबतुल्ला अखुंदजादा, India, United Nations, UN Security Council, Taliban, Pakistan, Terrorism