हैदराबाद:
पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री इकबाल हैदर ने कहा कि अरब जगत सहित अमेरिका और उसके सहयोगी देश दक्षिण एशिया को अस्थिर करने के लिए तालिबान आतंकियों को संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे में धार्मिक उन्माद उनके देश को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका, उसके सहयोगी देशों का संगठन नाटो, अरब जगत और यहां तक कि पाकिस्तानी सेना तालिबान को धन व हथियार मुहैया करा रही है। हैदर ने यह चेतावनी भी दी कि यदि तालिबान पाकिस्तान को अपनी गिरफ्त में ले लेंगे तो वे भारतीय सीमा पर बैठेंगे और इस देश में वहीं से अपनी गतिविधियां चलाएंगे। रविवार को यहां हुए एक सेमिनार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में हैदर ने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे क्षेत्र से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संयुक्त रणनीति बनाएं। महान्यायवादी और मानवाधिकार आयोग के प्रमुख रह चुके हैदर ने कहा, "मैं इस वजह से चिंतित हूं कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद तेजी से फैल रहा है। हम न तो आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ रहे हैं और न ही हमारी कोई संयुक्त रणनीति है। मुझे भय तालिबान से है और आशंका है कि धार्मिक उन्माद कहीं पाकिस्तान को अपनी गिरफ्त में न ले ले।" पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व नेता हैदर ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह कहकर आतंकवाद को संरक्षण देने की खता कबूल कर ली है कि उनकी जंग सिर्फ अल कायदा के खिलाफ था। उन्होंने कहा, "अमेरिका की तालिबान के साथ जंग नहीं है। उन्होंने तालिबान को वजूद में आने दिया और सीआईए के समर्थन से सरकार में उसकी पैठ बनाई।"
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