साई इंग वेन का फाइल फोटो...
ताईपे:
ताईवान के मुख्य विपक्षी दल की साई इंग वेन ने भारी बहुमत से जीत हासिल कर देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के बाद चीन को चेतावनी दी है। ताईवान में मतदाताओं ने चीन के साथ नजदीकी संबंधों के खिलाफ वोट दिया है।
साई के डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के मुख्यालय पर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने आतिशबाजी की। डीपीपी ने सत्तारूढ़ चीन के हितैषी कुआमिंगतांग (केएमटी) पर भारी जीत दर्ज की है।
मीडिया को अपने पहले बयान में साई ने चेतावनी दी कि चीन के 'दमन' से उसके साथ संबंध खराब होंगे।
उन्होंने कहा, 'हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली, राष्ट्रीय पहचान और अंतरराष्ट्रीय जगत में स्थान का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी तरह के दमन से संबंधों पर खराब असर होगा।' केएमटी के निवर्तमान राष्ट्रपति मा यिंग जो के तहत चीन के साथ मेल मिलाप से मतदाता असहज महसूस करने लगे थे] जिसके बाद लोगों ने साई का समर्थन किया।
साई के चुनाव पर बीजिंग ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने चेतावनी दी, 'चीन की सरकार दृढ़ प्रतिज्ञ है और 'ताईवान की स्वतंत्रता' के किसी अलगाववादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।' सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ में एक कड़े शब्दों में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि डीपीपी के सत्ता में लौटने से 'संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा' और इससे बीजिंग के साथ ताईपे के संबंधों को लेकर 'चिंता जगी' है।
साई के डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के मुख्यालय पर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने आतिशबाजी की। डीपीपी ने सत्तारूढ़ चीन के हितैषी कुआमिंगतांग (केएमटी) पर भारी जीत दर्ज की है।
मीडिया को अपने पहले बयान में साई ने चेतावनी दी कि चीन के 'दमन' से उसके साथ संबंध खराब होंगे।
उन्होंने कहा, 'हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली, राष्ट्रीय पहचान और अंतरराष्ट्रीय जगत में स्थान का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी तरह के दमन से संबंधों पर खराब असर होगा।' केएमटी के निवर्तमान राष्ट्रपति मा यिंग जो के तहत चीन के साथ मेल मिलाप से मतदाता असहज महसूस करने लगे थे] जिसके बाद लोगों ने साई का समर्थन किया।
साई के चुनाव पर बीजिंग ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने चेतावनी दी, 'चीन की सरकार दृढ़ प्रतिज्ञ है और 'ताईवान की स्वतंत्रता' के किसी अलगाववादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।' सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ में एक कड़े शब्दों में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि डीपीपी के सत्ता में लौटने से 'संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा' और इससे बीजिंग के साथ ताईपे के संबंधों को लेकर 'चिंता जगी' है।
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