विज्ञापन
This Article is From Sep 09, 2013

सीमित कार्रवाई चाहता है अमेरिका, सीरिया ने दी चेतावनी

सीमित कार्रवाई चाहता है अमेरिका, सीरिया ने दी चेतावनी
लंदन/वाशिंगटन/मास्को/जेनेवा: अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को कहा कि सीरिया संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, लेकिन रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने से सीरिया को रोकने के लिए उन्होंने "अविश्वसनीय रूप से छोटे और सीमित" हमले का समर्थन किया। दूसरी तरफ सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सीरिया के खिलाफ किसी भी हमले के खिलाफ जवाबी हमले की चेतावनी दी है।

दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लै ने जहां सीरिया संकट के समाधान के लिए तत्काल वार्ता का आह्वान किया वहीं चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद की रूपरेखा के अंतर्गत सीरियाई संकट का समाधान निकाले जाने पर जोर दिया।

सीरिया की सीमा के सर्वाधिक हिस्से से लगे इराक ने भी सीरिया पर हमले में अपना इस्तेमाल होने की संभावनाओं से इनकार किया तथा सीरिया संकट का राजनीतिक समाधान ढूंढने के लिए कहा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में केरी ने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं। अमेरिका, राष्ट्रपति ओबामा और मेरा और अन्य का पूर्ण रूप से मानना है कि सीरिया संकट का अंत किसी राजनीतिक समाधान से ही संभव है। उसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। इस बारे में हमें कोई भ्रम नहीं है।"

केरी ने हालांकि सीरिया पर हमले का मजबूती से समर्थन किया। उन्होंने कहा, "एक बहुत सीमित, एक बिल्कुल लक्षित और सीमित अवधि का हमला सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की रासायनिक हथियारों के उपयोग की क्षमता को नष्ट करेगा।"

बहरहाल, हेग ने इस बात को स्पष्ट किया कि संसद के फैसले के अनुसार ब्रिटिश सरकार सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेगी।

इस बीच, असद ने सीबीएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि यदि अमेरिका, सीरिया पर सैन्य हमला करता है तो अमेरिका को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस साक्षात्कार का प्रसारण सोमवार को हुआ।

असद ने कहा, "अगर आप आतंकवादियों के खिलाफ बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको इसका परिणाम भुगतान करना पड़ेगा।"

सीरिया और रूस के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को चेतावनीभरे लहजे में कहा कि सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई आतंकवादियों को उकसा सकती है।

मास्को में बातचीत के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उनके सीरियाई सहयोगी वलीद अल-मौलेम ने ये बातें कहीं।

दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त पिल्लै ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर देशों को संघर्षरत पक्षों को वार्ता की मेज पर लाने और खून-खराबा बंद करने के लिए एक रास्ता निकालना चाहिए।"

सोमवार को जेनेवा में शुरू मानव अधिकार परिषद के 24वें सत्र में पिल्लै ने यह आह्वान किया।

पिल्लै ने कहा कि सीरिया में संघर्षों में 100,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लाख लोग शरणार्थी हो चुके हैं। इसके अलावा करीब 40 लाख लोग बेघर भी हुए हैं।

24वें सत्र के दौरान 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद सीरिया पर जांच आयोग की ताजा रिपोर्ट पर सुनवाई करेगी।

वहीं सीरिया के पड़ोसी मुल्क इराक के विदेश मंत्री होशयार जेबारी ने रविवार को ईरान के अपने समकक्ष मोहम्मद-जावेद जारीफ के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, "इराक, सीरिया के खिलाफ किसी भी हमले में लांच पैड नहीं बनेगा और वह इस संबंध में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा और हम सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कुछ देशों के साथ काम कर रहे हैं।"

उनका यह बयान इराक और ईरान के बीच रविवार को क्षेत्रीय स्थिति और सीरिया संकट से संबंधित गतिविधि पर आयोजित की गई बैठक के बाद आया।

सीरिया के गृहयुद्ध में अब तक एक लाख लोगों की मौत हो चुकी है, तथा सीरिया छोड़कर पड़ोसी देशों में गए सीरियाई शरणार्थियों की संख्या 20 लाख तक पहुंच गई है। सीरिया के अंदर ही कम से कम 40 लाख लोग विस्थापित भी हुए हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com