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This Article is From Jun 21, 2015

स्विटजरलैंड ने माना कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ‘आकर्षक जगह’ है

स्विटजरलैंड ने माना कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ‘आकर्षक जगह’ है
बर्न: स्विटजरलैंड ने पहली बार माना है कि वह विदेशों में जमा अवैध धन की लॉन्ड्रिंग (वैध रूप देने) में लगे लोगों के लिए एक ‘आकषर्क स्थल’ बना हुआ है। इसके साथ ही उसने यह भी कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए उसे अपनी प्रणालियों को और अधिक मजबूत बनाना होगा।

स्विटजरलैंड ने यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में की है जबकि भारत व अन्य देश उस पर अपने उन नागरिकों के वित्तीय लेन-देन का ब्यौरा उपलब्ध कराने के लिए दवाब बना रहे हैं जिन्होंने अपने कथित अवैध धन को इस देश के बैंकों में छुपाने के लिए स्विस बैंकिंग संस्थानों की गोपनीयता की दीवारों का फायदा उठाया है।

स्विटजरलैंड की एक उच्चस्तरीय सरकारी समिति ने कहा है कि यह देश भी वित्तीय अपराधों के जोखिमों से बचा नहीं है और बैंक के लिए यह खतरा सबसे अधिक है। समिति ने हालांकि ऐसे किसी देश का नाम नहीं लिया है जहां से वित्तीय अपराधों की कमाई उसके देश की वित्तीय प्रणाली में आ सकती है।

स्विटजरलैंड के बैंकों ने अमेरिका और कुछ अन्य देशों की सरकारों के साथ ऐसे मामलों का अपने-अपने स्तर पर निपटान किया है, जिनमें उनके नागरिकों ने यहां के बैंकों के माध्यम से कर चोरी की थी। पर स्विटजरलैंड ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि स्विटजरलैंड विदेशी नागरिकों के लिए अपने अवैध धन को रखने के लिए ‘आकषर्क स्थल’ बना हुआ है।

स्विटजरलैंड के शीर्ष संस्थान फेडरल काउंसिल की पिछले शुक्रवार को हुई बठक में ‘मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण से जुड़े जोखिमों पर पहली राष्ट्रीय रपट’ पर चर्चा हुई। यह रपट एक उच्च स्तरीय अंतर-विभागीय कार्य बल ने तैयार की है।

इसके विश्लेषण में दर्शाया गया है कि ‘स्विटजरलैंड भी वित्तीय अपराधों के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है और यह मुख्य रूप से विदशों में अपराधों से कमाए गए धन की लॉन्ड्रिंग के लिए एक आकषर्क स्थल बना हुआ है।’

समिति का कहना है कि मौजूदा कानून चिन्हित जोखिमों का ध्यान रखते हैं। इसके साथ ही इस समिति ने मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषण से मुकाबला करने के लिए स्विस प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने का सुझाव दिया है।’

इस रपट में विभिन्न एजेंसियों और कार्यालयों से मिली सूचनाओं और आंकड़ों पर विश्लेषण किया गया है। समिति की राय में देश के वित्तीय क्षेत्र को धोखाधड़ी, गबन, भ्रष्टाचार और आपराधिक संगठनों के साथ मिलीभगत का खतरा है।

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