भारतीयों के स्विस बैंक खातों में जमा राशि में यह 1987 के बाद की सबसे बड़ी सालाना गिरावट है....
ज्यूरिख:
कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार के प्रयास को बड़ी सफलता मिली है. सरकार के प्रयास की यह नतीजा है कि भारतीयों द्वारा स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा कराया गया धन 2016 में लगभग आधा रह गया है. ये राशि अब 67.6 करोड़ स्विस फ्रेंक (करीब 4500 करोड़ रुपये) रह गई है. इस तरह इन गोपनीय खातों में जमा धन अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है. एक साल पहले यह राशि 1,410 अरब स्विस फ्रेंक (करीब 9,500 करोड़ रुपये) थी. गौरतलब यह भी है कि स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में लगातार तीसरे साल गिरावट आई है. यह जानकारी स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंकिंग प्राधिकरण स्विस नेशनल बैंक के गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों में दी गई है.
भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में सीधे तौर पर जमा धन घटकर जारी साल में 66.48 करोड़ स्विस फ्रैंक रहा. वहीं अमानती तौर पर रखा गया धन 2016 के आखिर में 1.1 करोड़ स्विस फ्रैंक रहा. हालांकि इन स्विस बैंकों में सभी विदेशी ग्राहकों द्वारा रखा गया कुल धन मामूली रूप से बढ़कर 1420 अरब स्विस फ्रेंक यानी लगभग 96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
2016 में 45 प्रतिशत की गिरावट आई
स्विस बैंकों में भारतीयों के कुल धन में 2016 में 45 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 67.575 करोड़ स्विस फ्रेंक सीएचएफ रहा. इस तरह से इस धन में सबसे बड़ी सालाना गिरावट दर्ज की गई. उक्त राशि में 37.7 करोड़ स्विस फ्रेंक ग्राहक जमाओं के रूप में, लगभग 9.8 करोड़ रुपये अमानती राशि के रूप में तथा 19 करोड़ स्विस फ्रेंक अन्य देनदारियों के रूप में है. एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सभी श्रेणियों में राशि में गिरावट दर्ज की गई.
30 साल बाद सबसे बड़ी गिरावट
भारतीयों के स्विस बैंक खातों में जमा राशि में यह 1987 के बाद की सबसे बड़ी सालाना गिरावट है. वर्ष 2007 तक ही संपत्ति प्रबंधकों या अमानती रूप में रखी गई राशि अरबों डॉलर में हुआ करती थी लेकिन नियामकीय कार्रवाई की आशंकाओं के बीच इसमें लगातार गिरावट आई है. वर्ष 2006 के आखिर में भारतीयों के स्विस बैंक खातों में जमा राशि 6.5 अरब स्विस फ्रेंक 23000 करोड़ रुपये थी. एक दशक में ही यह राशि घटकर लगभग दसवां हिस्सा रह गई है.
हालांकि, एसएनबी के उक्त आंकड़े स्विस बैंकों में जमा कथित काले धन का कोई संकेत नहीं देते हैं. इसमें वह राशि भी शामिल नहीं है जो कि भारतीयों, प्रवासी भारतीयों व अन्य ने अलग अलग देशों की कंपनियों के नाम से जमा करवा रखी है. इस बीच, पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा स्विस बैंकों में जमा कराई गई राशि 2016 में मामूली घटकर 1,400 अरब स्विस फ्रेंक (करीब 9,500 करोड़ रुपये) रह गई, लेकिन यह राशि भारतीयों की जमा राशि से अधिक है.
(इनपुट भाषा से भी)
भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में सीधे तौर पर जमा धन घटकर जारी साल में 66.48 करोड़ स्विस फ्रैंक रहा. वहीं अमानती तौर पर रखा गया धन 2016 के आखिर में 1.1 करोड़ स्विस फ्रैंक रहा. हालांकि इन स्विस बैंकों में सभी विदेशी ग्राहकों द्वारा रखा गया कुल धन मामूली रूप से बढ़कर 1420 अरब स्विस फ्रेंक यानी लगभग 96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
2016 में 45 प्रतिशत की गिरावट आई
स्विस बैंकों में भारतीयों के कुल धन में 2016 में 45 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 67.575 करोड़ स्विस फ्रेंक सीएचएफ रहा. इस तरह से इस धन में सबसे बड़ी सालाना गिरावट दर्ज की गई. उक्त राशि में 37.7 करोड़ स्विस फ्रेंक ग्राहक जमाओं के रूप में, लगभग 9.8 करोड़ रुपये अमानती राशि के रूप में तथा 19 करोड़ स्विस फ्रेंक अन्य देनदारियों के रूप में है. एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सभी श्रेणियों में राशि में गिरावट दर्ज की गई.
30 साल बाद सबसे बड़ी गिरावट
भारतीयों के स्विस बैंक खातों में जमा राशि में यह 1987 के बाद की सबसे बड़ी सालाना गिरावट है. वर्ष 2007 तक ही संपत्ति प्रबंधकों या अमानती रूप में रखी गई राशि अरबों डॉलर में हुआ करती थी लेकिन नियामकीय कार्रवाई की आशंकाओं के बीच इसमें लगातार गिरावट आई है. वर्ष 2006 के आखिर में भारतीयों के स्विस बैंक खातों में जमा राशि 6.5 अरब स्विस फ्रेंक 23000 करोड़ रुपये थी. एक दशक में ही यह राशि घटकर लगभग दसवां हिस्सा रह गई है.
हालांकि, एसएनबी के उक्त आंकड़े स्विस बैंकों में जमा कथित काले धन का कोई संकेत नहीं देते हैं. इसमें वह राशि भी शामिल नहीं है जो कि भारतीयों, प्रवासी भारतीयों व अन्य ने अलग अलग देशों की कंपनियों के नाम से जमा करवा रखी है. इस बीच, पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा स्विस बैंकों में जमा कराई गई राशि 2016 में मामूली घटकर 1,400 अरब स्विस फ्रेंक (करीब 9,500 करोड़ रुपये) रह गई, लेकिन यह राशि भारतीयों की जमा राशि से अधिक है.
(इनपुट भाषा से भी)
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