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SpaceX की जिस सीट पर बैठ धरती पर लौटीं सुनीता, उसकी कीमत जान रह जाएंगे दंग

स्पेसएक्स को 2014 में नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत 2.6 बिलियन डॉलर (लगभग 21,600 करोड़ रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट मिला था, जिसमें छह क्रू मिशन शामिल थे.

SpaceX की जिस सीट पर बैठ धरती पर लौटीं सुनीता, उसकी कीमत जान रह जाएंगे दंग
नई दिल्ली:

क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में जाने और वहां से लौटने का खर्च कितना हो सकता है? ये जानकर आपको हैरानी होगी कि स्पेसएक्स के क्रू-ड्रैगन अंतरिक्ष यान में एक यात्री की सीट की कीमत इतनी ज्यादा है कि इससे एक पूरा शहर हफ्तों तक खाना खा सकता है, हजारों लग्जरी कारें खरीदी जा सकती हैं, या भारत का इसरो अपने कई अंतरिक्ष मिशन पूरे कर सकता है तो चलिए आपको बताते हैं कि इस यात्रा का खर्च असल में कितना है.

क्रू-ड्रैगन की एक सीट की कीमत कितनी?

एक यात्री को अंतरिक्ष से लौटने के लिए जितना खर्च करना पड़ता है, उतने में कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकते हैं. स्पेसएक्स के क्रू-ड्रैगन में छह यात्रियों के बैठने की जगह होती है. हर सीट का किराया करीब 55 मिलियन डॉलर यानी लगभग 460 करोड़ रुपये है. यह रकम इतनी बड़ी है कि इससे भारत का इसरो अपने कई अंतरिक्ष मिशन पूरे कर सकता है. 10 लाख की आबादी वाला एक शहर 20 दिन तक खाना खा सकता है, यदि प्रति व्यक्ति भोजन पर 250 रुपये प्रतिदिन खर्च हों. हजारों लग्जरी कारें खरीदी जा सकती हैं. साथ ही इस रकम में भारत में एक बड़ी इंडस्ट्री या एक आलीशान कॉलोनी बनाई जा सकती है.

स्पेसएक्स और नासा का कॉन्ट्रैक्ट

स्पेसएक्स को 2014 में नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत 2.6 बिलियन डॉलर (लगभग 21,600 करोड़ रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट मिला था, जिसमें छह क्रू मिशन शामिल थे. प्रति मिशन औसतन 400 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3,300 करोड़ रुपये का खर्च आता है. अब जानिए स्पेसएक्स और बोइंग में किसका किराया ज्यादा है.

स्पेसएक्स बनाम बोइंग - किसका किराया ज्यादा?

स्पेसएक्स अपेक्षाकृत सस्ता किराया ले रहा है. 2019 में नासा के इंस्पेक्टर जनरल की रिपोर्ट के अनुसार स्पेसएक्स - प्रति सीट 55 मिलियन डॉलर चार्ज करता है. बोइंग स्टारलाइनर का किराया - 90 मिलियन डॉलर यानी लगभग 750 करोड़ रुपये प्रति सीट है.

पूरे मिशन की लागत कितनी?

स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन की चार सीटों का कुल किराया लगभग 220 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1,840 करोड़ रुपये है. हालांकि, पूरे मिशन की लागत इसमें शामिल नहीं है. इसमें शामिल अन्य खर्चों में फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च, कैप्सूल का रखरखाव और ईंधन और ग्राउंड ऑपरेशंस और आईएसएस से डॉकिंग व वापसी के तकनीकी पहलू शामिल हैं. अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार, एक क्रू मिशन की कुल लागत 200 से 300 मिलियन डॉलर है यानी की लगभग 1,670 से 2,500 करोड़ रुपये के बीच. चूंकि स्पेसएक्स अपने वित्तीय विवरण को सार्वजनिक रूप से पूरी तरह से साझा नहीं करता, जिससे इसकी कमाई का सटीक आंकड़ा बताना मुश्किल है.

हालांकि, नासा के कॉन्ट्रैक्ट के तहत, स्पेसएक्स को प्रति सीट 55 मिलियन डॉलर मिलते हैं. यदि क्रू-9 मिशन में चार यात्री गए और दो लौट रहे हैं, तो किराया चार सीटों के हिसाब से ही वसूला जाएगा. स्पेसएक्स की अंतरिक्ष यात्रा का खर्च चौंकाने वाला है. यह केवल अंतरिक्ष अन्वेषण का ही नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और संसाधनों के उपयोग का भी महत्वपूर्ण पहलू उजागर करता है. जब एक सीट की कीमत इतने बड़े पैमाने पर खर्च का कारण बन सकती है, तो यह सवाल उठता है कि क्या अंतरिक्ष यात्रा का भविष्य और अधिक सस्ता और सुलभ हो सकता है?

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