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सुनीता विलियम्स धरती पर लौटीं, पहले होगा मेडिकल चैकअप, फिर इस काम में जुट जाएगी एस्ट्रोनॉट

Sunita Williams Return: सुनीता विलियम्स और अन्‍य अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग समुद्र में हुई और जैसे ही उनका कैप्‍सूल पानी में टच हुआ NASA की रिकवरी टीम उन्हें बाहर निकालने के लिए तैयार खड़ी थी.

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की लैंडिंग समुद्र में होगी

सुनीता विलियम्‍स अन्‍य 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से धरती पर लौट आई हैं. इन अंतरिक्ष यात्रियों को अब किस प्रक्रिया से गुजरना होगा? NASA ने इसके लिए चार बड़े स्टेप्स तैयार किए हैं. लैंडिंग के तुरंत बाद सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्रियों की जिंदगी में क्या-क्या होगा? आइए, जानते हैं कि लैंडिंग के तुरंत बाद सुनीता विलियम्स की जिंदगी में क्या-क्या होगा?

मेडिकल टेस्टिंग

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 9 महीने तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे रहे. उनकी वापसी एक हफ्ते में होनी थी. लेकिन मिशन 9 महीने लंबा खिंच गया और अब आखिरकार वो धरती पर लौटे हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की लैंडिंग समुद्र में हुई और जैसे ही उनका स्पेक्राफ्ट पानी में टच किया, वैसे ही NASA की रिकवरी टीम उन्हें बाहर निकालने के लिए पहुंच गई. सबसे पहला काम – मेडिकल टेस्टिंग. जीरो ग्रैविटी में 9 महीने रहने के बाद शरीर को वापस धरती की ग्रैविटी में एडजस्ट करना बहुत मुश्किल होता है. एस्ट्रोनॉट्स को बाहर निकालते ही स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया, क्योंकि उनके शरीर में तुरंत चलने की ताकत नहीं होती. सबसे बड़ा इशू होता है डिजीनेस, लो ब्लड प्रेशर और बैलेंस लॉस. कुछ एस्ट्रोनॉट्स को तो चक्कर भी आते हैं और खड़ा रहना मुश्किल हो जाता है. NASA के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने उनकी ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, और न्यूरोलॉजिकल रिस्पॉन्सेज चेक किया, ताकि ये पता चले कि वो सेफ हैं या नहीं.

NASA के कंट्रोल में रहेंगे, सीधा जॉनसन स्पेस सेंटर भेजा जाएगा

मेडिकल चेकअप के बाद अगला बड़ा स्टेप होगा उन्हें NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन भेजना. वहां उनके लिए स्पेशल क्वार्टर बनाए गए हैं, जहां वो कुछ दिनों तक रहेंगे. ये NASA का स्ट्रिक्ट रूल है. कोई भी एस्ट्रोनॉट सीधे घर नहीं जा सकता. इस दौरान NASA के फ्लाइट सर्जन उनकी हेल्थ को मॉनिटर करेंगे और देखेंगे कि उनका शरीर वापस धरती के माहौल में एडजस्ट हो रहा है या नहीं.

मिशन डीब्रीफिंग – हर डिटेल रिपोर्ट करनी होगी

इसके बाद शुरू होगा तीसरा अहम काम – NASA के वैज्ञानिकों को पूरी रिपोर्ट देना. क्योंकि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने ISS पर 9 महीने बिताए. NASA को उनके अनुभवों की हर छोटी-बड़ी डिटेल चाहिए होगी. खासकर बोइंग स्टारलाइनर की फेलियर रिपोर्ट, क्योंकि इस मिशन में हीलियम लीक्स और थ्रस्टर फेलियर जैसे कई बड़े इशूज आए थे. NASA ये समझना चाहेगा कि स्पेसक्राफ्ट फेल कैसे हुआ और भविष्य में इसे कैसे सुधारा जा सकता है.

फैमिली से मिलेंगे, लेकिन पब्लिक अपीयरेंस पर रोकट


अब आता है चौथा और सबसे इमोशनल स्टेप – फैमिली रीयूनियन... सुनीता विलियम्स ने खुद कहा था कि ये 9 महीने उनके लिए मुश्किल थे. लेकिन उनके परिवार के लिए और भी ज्यादा. खासकर उनके डॉग्स और परिवार, जो हर दिन उनकी वापसी का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, NASA का एक और रूल है. कोई भी एस्ट्रोनॉट पब्लिक अपीयरेंस तुरंत नहीं कर सकता. उन्हें पहले NASA की साइकोलॉजिकल और फिजिकल रिकवरी पूरी करनी होगी.

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