काबुल धमाके की तस्वीर
काबुल:
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी दूतावास के निकट बुधवार को एक आत्मघाती हमलावर ने अफगान टीवी चैनल टोलो की एक मिनीबस को निशाना बनाकर धमाका किया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई।
इस शक्तिशाली विस्फोट के कारण 24 लोग घायल हो गए, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या दूतावास को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया था। चैनल के एक कर्मचारी ने कहा, हमारी बस हमले की जद में आ गई। तालिबान ने पिछले साल अक्टूबर महीने में टोलो और 1टीवी को 'सैन्य निशाने' पर होने की बात कही थी। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
यह हमला तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के मकसद से हुई दूसरे दौर की अंतरराष्ट्रीय बातचीत के दो दिनों बाद हुआ। गृह मंत्रालय ने कहा कि हमले में सात लोग मारे गए और 24 घायल हो गए। यह सडक दारूलअमन महल की ओर जाती है। यह महल अब क्षतिग्रस्त है। इसका निर्माण अफगान शाह अमानुल्ला खान ने कराया था। विस्फोट से आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया। एंबुलेंस और अग्निशमन दल के वाहनों को तत्काल मौके पर रवाना किया गया।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने सोमवार को काबुल में एक दिन की बैठक की थी जिसका मकसद बातचीत के जरिए 14 साल के तालिबान चरमपंथ का अंत करना है। पहले दौर की बातचीत पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में हुई थी। दोनों दौर की बातचीत में तालिबान के प्रतिनिधि गैरहाजिर रहे।
इस शक्तिशाली विस्फोट के कारण 24 लोग घायल हो गए, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या दूतावास को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया था। चैनल के एक कर्मचारी ने कहा, हमारी बस हमले की जद में आ गई। तालिबान ने पिछले साल अक्टूबर महीने में टोलो और 1टीवी को 'सैन्य निशाने' पर होने की बात कही थी। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
यह हमला तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के मकसद से हुई दूसरे दौर की अंतरराष्ट्रीय बातचीत के दो दिनों बाद हुआ। गृह मंत्रालय ने कहा कि हमले में सात लोग मारे गए और 24 घायल हो गए। यह सडक दारूलअमन महल की ओर जाती है। यह महल अब क्षतिग्रस्त है। इसका निर्माण अफगान शाह अमानुल्ला खान ने कराया था। विस्फोट से आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया। एंबुलेंस और अग्निशमन दल के वाहनों को तत्काल मौके पर रवाना किया गया।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने सोमवार को काबुल में एक दिन की बैठक की थी जिसका मकसद बातचीत के जरिए 14 साल के तालिबान चरमपंथ का अंत करना है। पहले दौर की बातचीत पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में हुई थी। दोनों दौर की बातचीत में तालिबान के प्रतिनिधि गैरहाजिर रहे।
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