विज्ञापन

इजरायल का याहिया सिनवार को मारने का दावा, हमास में अब कौन लेगा उनकी जगह

इजरायल ने हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख याहिया सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की है. लेकिन हमास ने अभी तक इजरायल के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इजरायल के दावे के बाद से ही सिनवार के उत्तराधिकारी के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. आइए देखते हैं कौन ले सकता है उनकी जगह.

नई दिल्ली:

इजरायल ने दावा किया है कि उसने हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख याहिया सिनवार को मार गिराया है. इजरायल का कहना है कि उसके सैनिकों की एक टुकड़ी ने बुधवार को रफाह के ताल अल सुल्तान में गश्त पर थी, इसी दौरान कार्रवाई में सिनवार मारे गए.सिनवार की मौत की घोषणा करते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि 'शैतान' को बहुत 'बड़ी चोट' दी है.इजरायल सिनवार को 7 अक्तूबर 2023 को हुए हमास के हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताता है. वहीं हमास ने सिनवार की मौत को लेकर कोई टिप्पणी अभी तक नहीं की है. सिनवार की मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है. आइए जानते हैं कि सिनवार का उत्तराधिकारी बनने की रेस में कौन-कौन से लोग शामिल हैं. 

याहिया सिनवार का जाना

सिनवार का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के दक्षिण में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी शिविर में हुआ था.उनके माता-पिता अश्केलॉन के रहने वाले थे. वे साल 1948 में इजरायल की स्थापना के बाद शरणार्थी बन गए थे.सिनवार की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई खान यूनिस में लड़कों के एक स्कूल में हुई थी. उन्होंने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से अरबी में स्नातक किया था. इजरायल की जेलों में रहने के दौरान उन्होंने हिब्रू पढ़ना लिखना सीख लिया था. 

याहिया सिनवार के साथ सेल्फी लेते लोग.

याहिया सिनवार के साथ सेल्फी लेते लोग.

सिनवार से पहले हमास के एक और बड़े नेता इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान के घर पर हुए हमले में मौत हो गई थी. वो हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख थे.इस हमले के पीछे ईरान ने इजरायल की ही हाथ बताया था. हानिया की मौत के बाद याहिया सिनवार को राजनीतिक शाखा का प्रमुख बनाया था. अब सिनवार भी इजरायली सैनिकों के साथ लड़ते हुए मारे गए हैं. इसके बाद सवाल यह उठ रहा है कि हमास में अब सिनवार की जगह कौन लेगा.  

याहिया सिनवार की मौत को लेकर इजरायल के दावों पर अभी हमास की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है. वहीं अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि सिनवार की मौत के बाद इस हमास-इजरायल युद्ध का अंत होगा.

सिनवार की मौत हमास का अंत नहीं

विश्लेषकों का कहना है कि  सिनवार की मौत हमास का अंत नहीं है. इजरायल ने हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन और उसके नेता अब्दल अजीज अल रंतिसी की 2004 में हत्या कर दी थी. लेकिन इन हत्याओं ने भी हमास को कमजोर नहीं होने दिया. हर बार एक नया नेता चुना गया और उसने इजरायल के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाया है. सिनवार हमास की राजनीतिक शाखा के अंतरिम प्रमुख थे. हमास को चलाने वाली शूरा काउंसिल का अगले साल मार्च में चुनाव प्रस्तावित है. इसलिए हमास की राजनीतिक शाखा का अगला प्रमुख भी अंतरिम ही होगा. 

Latest and Breaking News on NDTV

सिनवार को हमास की राजनीतिक शाखा का प्रमुख जाने की प्रमुख वजहों में से एक था सात अक्तूबर 2023 का हमला. कहा जाता है कि इसकी योजना सिनवार ने ही बनाई थी. इसे ऑपरेशन अल अक्सा का नाम दिया गया था. इस हमले के बाद सिनवार पूरी दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बन गए थे. उनके चुनाव में उनकी इस छवि का भी हाथ था.इसलिए उम्मीद की जा रही है कि हमास की राजनीतिक शाखा का प्रमुख भी कुछ इसी तरह से होगा. आइए देखते हैं इस रेस में कौन-कौन से नेता हो सकते हैं.  

खालिद मशाल 

वेस्ट बैंक के रामल्लाह में पैदा हुए खालिद मशाल 1996 में हमास की राजनीतिक शाखा में शामिल हुए थे.वो गाजा से बाहर रहते हैं. मशाल हमास के संस्थापकों में से एक हैं.मशाल की प्राथमिक शिक्षा उनके गांव में ही हुई. वहां से उनका परिवार कुवैत चला गया. वहां उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी की.मशाल की छवि उदारवादी नेता की रही है.

मशाल 1996 और 2017 के बीच हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 2004 में शेख अहमद यासीन की हत्या के बाद मशाल को इसका नेता नियुक्त किया गया था.इसराइल की खुफिया सेवा मोसाद ने 1997 में उन्हें निशाना बनाया.मोसाद के दस एजेंट नकली कनाडाई पासपोर्ट पर जॉर्डन में दाखिल हुए थे.मशाल के पास उस समय जॉर्डन की नागरिकता थी.राजधानी अम्मान की एक सड़क पर चलते समय उन्हें एक जहरीले पदार्थ का इंजेक्शन लगाया गया था.

Latest and Breaking News on NDTV

जॉर्डन के अधिकारियों ने हत्या के इस प्रयास का पता लगाया.उन्होंने इसमें शामिल मोसाद के दो एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया था.उस समय जॉर्डन के राजा हुसैन ने इसराइली प्रधानमंत्री से मशाल को दिए गए जहरीले पदार्थ का एंटीडॉट मांगा था. लेकिन नेतन्याहू ने पहले तो इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के हस्तक्षेप पर वो उसे देने के लिए मजबूर किया. इसके दो साल बाद जॉर्डन में इजरायली एजेंटों ने उन्हें फिर धीमा जहर दे दिया था. इससे वो कोमा में चले गए.लेकिन जॉर्डन के साथ राजनयिक समझौते के तहत इजरायल ने उन्हें एंटीडॉट दिया. इससे उन्हें बचा लिया गया.

खलील अल हया 

खलील अल-हया सिनवार के राजनीतिक शाखा का प्रमुख बनने से पहले उनके नायब के रूप में काम करते थे. लेकिन अब सिनवार की मौत के बाद उन्हें उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा है. वो कतर में रहते हैं. इजरायली हमले में उनके परिवार के सदस्यों की मौत हो चुकी है.

अब्दुल्ला बरगूती

अब्दुल्ला बरगूती को 'इंजीनियर' के नाम से जाना जाता है.उन्हें डेटोनेटर से लेकर आलू तक से विस्फोटक बनाने में महारत हासिल है.उनका जन्म 1972 में कुवैत में हुआ था.वो 1990 में दूसरे खाड़ी युद्ध के बाद जॉर्डन चले गए थे.बरगूती ने दक्षिण कोरियाई विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.बाद वो अल कासिम ब्रिगेड शामिल किया गया था. 
इजरायली सुरक्षा बलों ने 2003 में उन्हें गिरफ्तार किया था.बरगूती को इजरायल के इतिहास में सबसे लंबी सजा दी गई थी. उन्हें 67 आजीवन कारावास और 52 सौ साल के जेल की सजा सुनाई गई थी.उन्होंने 'प्रिंस ऑफ शैडो'नाम से एक किताब भी लिखी है. 

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी 23-24 अक्टूबर को जाएंगे रूस, ब्रिक्स सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com