नवाज शरीफ की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
लाहौर के जमिया नाइमिया में एक छात्र ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर जूता फेंक दिया. घटना के बाद आरोपी छात्र ने नवाज शरीफ के खिलाफ नारे भी लगाए. इस दौरान उसने नवाज शरीफ को इस्लाम विरोधी बताया. खास बात यह है कि पूर्व पीएम पर जूता फेंकने की इस वारदात के पीछे जमात उद दावा का हाथ बताया जा रहा है. घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी छात्र और उसके एक साथी को हिरासत में लिया है. पुलिस ने जूता फेंकने वाले छात्र की पहचान अब्दुल गफूर के रूप में की है जो जामिया का पूर्व छात्र है. दूसरे छात्र की पहचान साजिद के रूप में हुई है. गौरतलब है कि नवाज शरीफ की सरकार ने ईशा निंदा कानून में संसोधन की कोशिश की थी.
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सरकार के इस प्रयास के विरोध में पूरे पाकिस्तान में हंगाम हुआ था और आम लोगों ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना भी की थी. इसके बाद ही सरकार को अपना कदम पीछे खींचना पड़ा था. ध्यान हो कि पाकिस्तान के चुनाव कानून में खत्म ए नबुव्वत का प्रावधान रहा है. इसके तहत प्रोफेट मोहम्मद को आखिरी नबी मान कर शपथ लेना होता है. नवाज की सत्तारूढ़ पार्टी ने इसमें संसोधन कर 'मैं शपथ लेता हूं' कि जगह 'मैं भरोसा करता हूं' कर दिया था. इसके बाद ही पाकिस्तान में इस संसोधन का काफी विरोध हुआ था.
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विरोधी पार्टियों ने भी सरकार द्वारा किए गए इस संसोधन का जमकर विरोध किया साथ ही इसके खिलाफ आम लोग भी सड़कों पर आए. इस वजह से ही सरकार को बाद में अपने इस संसोधन को वापस लेना पड़ा. ध्यान हो कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के चेहरे पर भी एक धार्मिक चरमपंथी ने स्याही फेंकी थी.
VIDEO: पूछताछ के लिए पेश हुए पूर्व पीएम.
सूचना के अनुसार शरीफ गढ़ी शाहू लाहौर के जामिया नाइमिया में बतौर मुख्य अतिथि आए थे. घटना उस समय हुई जब शरीफ भाषण देने के लिए मंच की ओर बढ़ रहे थे.
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सरकार के इस प्रयास के विरोध में पूरे पाकिस्तान में हंगाम हुआ था और आम लोगों ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना भी की थी. इसके बाद ही सरकार को अपना कदम पीछे खींचना पड़ा था. ध्यान हो कि पाकिस्तान के चुनाव कानून में खत्म ए नबुव्वत का प्रावधान रहा है. इसके तहत प्रोफेट मोहम्मद को आखिरी नबी मान कर शपथ लेना होता है. नवाज की सत्तारूढ़ पार्टी ने इसमें संसोधन कर 'मैं शपथ लेता हूं' कि जगह 'मैं भरोसा करता हूं' कर दिया था. इसके बाद ही पाकिस्तान में इस संसोधन का काफी विरोध हुआ था.
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विरोधी पार्टियों ने भी सरकार द्वारा किए गए इस संसोधन का जमकर विरोध किया साथ ही इसके खिलाफ आम लोग भी सड़कों पर आए. इस वजह से ही सरकार को बाद में अपने इस संसोधन को वापस लेना पड़ा. ध्यान हो कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के चेहरे पर भी एक धार्मिक चरमपंथी ने स्याही फेंकी थी.
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सूचना के अनुसार शरीफ गढ़ी शाहू लाहौर के जामिया नाइमिया में बतौर मुख्य अतिथि आए थे. घटना उस समय हुई जब शरीफ भाषण देने के लिए मंच की ओर बढ़ रहे थे.
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