अमेरिका ह्यूस्टन में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसी भारतीय मूल की छात्रा की हालत में "चमत्कारिक" रूप से सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे डॉक्टर्स भी हैरान हैं. ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी की पढ़ाई कर रही छात्रा ससरून्या कोडुरू दो जुलाई को अपने मित्रों के साथ सैन जासिंटो स्मारक उद्यान में टहल रही थी, तभी अचानक बिजली गिरी और छात्रा उसकी चपेट में आ गई. उसकी हालत बेहद खराब हो गई थी और वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी.
अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह पिछले सप्ताह से अपने आप सांस ले पा रही है और उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया है. उसके चिकित्सकों ने कहा कि वह वेंटिलेटर के बिना ठीक है और अगर इसी तरह उसकी तबीयत में सुधार होता रहा, तो उसे आगे भी वेंटिलेटर की जरूरत नहीं रहेगी. कोडुरू का परिवार फिलहाल हैदराबाद में है. छात्रा के परिवार के अन्य लोगों ने पीटीआई को बताया कि परिवार को अमेरिका आने के लिए वीजा मिल गया है और वे अगले सप्ताह यहां आ जाएंगे.
कोडुरु सांस नहीं ले पा रही थी, इसलिए उसे ‘ट्रेकियोस्टोमी' के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था साथ ही उसे भोजन भी नली के जरिए दिया जा रहा था. उसके मस्तिष्क ने भी काम करना बंद कर दिया था और चिकित्सक इस बात का इंतजार कर रहे थे कि मस्तिष्क काम करना प्रारंभ कर दे. ह्यूस्टन विश्वविद्यालय ने मामले में कोई अद्यतन जानकारी साझा नहीं की है.
इससे पहले विश्वविद्यालय ने 26 जुलाई को ट्वीट किया था, "ह्यूस्टन विश्वविद्यालय की स्नातक की छात्रा ससरून्या कोडुरू इस माह की शुरूआत में आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई थी. हम उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हैं."
विश्वविद्यालय ने ट्विटर पर भी पोस्ट किया था कि वह भारत में छात्रा के परिवार के साथ संपर्क में है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संस्थान ने एक बयान में कहा कि उसका ‘अंतरराष्ट्रीय छात्र एवं स्कॉलर सेवा कार्यालय' अमेरिका का वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में छात्रा के माता-पिता की सहायता कर रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं