ईस्टर हमलों के बाद श्रीलंका ने बुर्के (Burqa) पर प्रतिबंध की योजना पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है. जांच के संदिग्धों और अन्य सबूतों से हमले में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं. रविवार (21 अप्रैल) को हुए इन हमलों (Sri Lanka Bomb Blast) में 321 लोगों की मौत हो गई और करीब 500 लोग घायल हो गए.
डेली मिरर ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सरकार मस्जिद अधिकारियों से विचार विमर्श करके इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है. अखबार ने सूत्र के हवाले से कहा, ‘‘उन्होंने (सूत्र) कहा कि सरकार मस्जिद अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है और कई मंत्रियों ने इस मामले पर राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना से बात की.''
ऐसा पाया गया कि 1990 की शुरुआत में खाड़ी युद्ध तक श्रीलंका में मुस्लिम महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा में बुर्का और नकाब कभी शामिल नहीं रहे. खाड़ी युद्ध के समय चरमपंथी तत्वों ने मुस्लिम महिलाओं के लिए पर्दा शुरू किया.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा सूत्रों ने बताया कि डेमाटागोडा में घटनाओं में शामिल रही कई महिलाएं भी बुर्का पहनकर भाग गई. अगर श्रीलंका ने बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया तो वह एशिया, अफ्रीका और यूरोप में उन देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिन्होंने आतंकवादियों को पुलिस से बचने या विस्फोटकों को छिपाने के लिए बुर्का का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए ऐसा किया.
अखबार ने बताया कि चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है.
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