दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दक्षिण अफ्रिकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने से पहले जुमा ने टेलीविजन के माध्यम से देश के नाम एक संबोधन दिया. इस संबोधन में ही उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा की. माना जा रहा है कि जुमा ने उप राष्ट्रपति सायरिल रमाफोसा के लिए पद छोड़ने के बढ़ते दबाव की वजह से इस्तीफा दिया है.गौरतलब है कि 75 वर्षीय जुमा वर्ष 2009 से सत्ता पर काबिज थे.
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की हिमायत की
सत्ता में रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे. बताया जा रहा है कि अपने ऊपर लगे इन आरोपों की वजह से भी उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. इस्तीफा देने से पहले जुमा ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए काफी लंबा भाषण दिया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि एएनसी जिस प्रकार से उनके साथ व्यवहार कर रही है, उससे वह काफी आहत हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुमा ने अपने भाषण में कहा कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का कोई डर नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपनी पूरी क्षमता के साथ दक्षिण अफ्रीका के लोगों की सेवा की है.
यह भी पढ़ें: तीन पश्चिमी एशियाई देशों की यात्रा से भारत लौटे पीएम मोदी, सुषमा स्वराज ने किया स्वागत
एएनसी में हिंसा और फूट ने मुझे पद छोड़ने पर मजबूर किया है. उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण किसी की जान जाए और एएनसी में फूट पड़े. इसलिए मैंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
VIDEO: फिलिस्तीन के दौरे पर पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि हालांकि मैं अपने संगठन के नेतृत्व के फैसले से सहमत नहीं हूं. मैं हमेशा से एएनसी का एक अनुशाषित सदस्य रहा हूं. मैं पद छोड़ने के बाद भी पूरी जिंदगी दक्षिण अफ्रीका के लोगों और एएनसी की सेवा करता रहूंगा.
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की हिमायत की
सत्ता में रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे. बताया जा रहा है कि अपने ऊपर लगे इन आरोपों की वजह से भी उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. इस्तीफा देने से पहले जुमा ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए काफी लंबा भाषण दिया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि एएनसी जिस प्रकार से उनके साथ व्यवहार कर रही है, उससे वह काफी आहत हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुमा ने अपने भाषण में कहा कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का कोई डर नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपनी पूरी क्षमता के साथ दक्षिण अफ्रीका के लोगों की सेवा की है.
यह भी पढ़ें: तीन पश्चिमी एशियाई देशों की यात्रा से भारत लौटे पीएम मोदी, सुषमा स्वराज ने किया स्वागत
एएनसी में हिंसा और फूट ने मुझे पद छोड़ने पर मजबूर किया है. उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण किसी की जान जाए और एएनसी में फूट पड़े. इसलिए मैंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
VIDEO: फिलिस्तीन के दौरे पर पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि हालांकि मैं अपने संगठन के नेतृत्व के फैसले से सहमत नहीं हूं. मैं हमेशा से एएनसी का एक अनुशाषित सदस्य रहा हूं. मैं पद छोड़ने के बाद भी पूरी जिंदगी दक्षिण अफ्रीका के लोगों और एएनसी की सेवा करता रहूंगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं