कोलम्बो:
श्रीलंका ने दक्षिण भारत में स्थित परमाणु बिजली घरों को लेकर चिंता का इजहार किया है। यह बात श्रीलंका के बिजली और ऊर्जा मंत्री चम्पिका रणवाका ने कही।
रणवाका ने कहा कि इस मुद्दे को सितम्बर में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की बैठक में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोलम्बो भारत के किसी परमाणु बिजली घर में दुर्घटना की स्थिति में श्रीलंका पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है। दोनों देशों को समुद्र की एक बारीक रेखा अलग करती है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक रणवाका ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि श्रीलंका भारत से समझौता करना चाहता है और भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
श्रीलंका के अधिकारियों का मानना है कि भारत में होने वाली परमाणु दुर्घटना से उत्तरी शहर मन्नार सबसे अधिक प्रभावित होगा। रणवाका ने कहा कि उनका मंत्रालय विकिरण की जांच के लिए तटीय क्षेत्रों की पहचान कर रहा है।
जापान में भूकम्प से परमाणु संयंत्र को हुए नुकसान के बाद श्रीलंका ऐसी किसी भी परमाणु आपदा से बचाव की तैयारी करना चाहता है।
रणवाका ने कहा कि इस मुद्दे को सितम्बर में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की बैठक में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोलम्बो भारत के किसी परमाणु बिजली घर में दुर्घटना की स्थिति में श्रीलंका पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है। दोनों देशों को समुद्र की एक बारीक रेखा अलग करती है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक रणवाका ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि श्रीलंका भारत से समझौता करना चाहता है और भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
श्रीलंका के अधिकारियों का मानना है कि भारत में होने वाली परमाणु दुर्घटना से उत्तरी शहर मन्नार सबसे अधिक प्रभावित होगा। रणवाका ने कहा कि उनका मंत्रालय विकिरण की जांच के लिए तटीय क्षेत्रों की पहचान कर रहा है।
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