कांग्रेसी नेताओं सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के खिलाफ अभियान चला चुके न्यूयॉर्क के एक सिख मानवाधिकार संगठन ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों के संदर्भ में मोदी को भेजा निमंत्रण रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) द्वारा कल शुरू इस ऑनलाइन याचिका अभियान में कहा गया है, 'व्हाइट हाउस में मोदी की मेजबानी करने के बजाय, राष्ट्रपति ओबामा को मोदी की निंदा करनी चाहिए और मुस्लिमों, सिखों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के लिए भाजपा पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।' ओबामा ने 30 सितंबर को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए मोदी को अमेरिका बुलाया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है, 'जून 1984 में भाजपा ने स्वर्ण मंदिर में सैन्य हमले को उकसाया, जिससे हजारों सिख श्रद्धालुओं का नरसंहार हुआ। 2008 में भाजपा ने ओडिशा में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की साजिश रची।'
इस याचिका पर 20 अगस्त तक कम से कम एक लाख हस्ताक्षरों की जरूरत होगी, ताकि व्हाइट हाउस इस पर ध्यान दे। पहले दिन इस पर दो दर्जन से भी कम लोगों ने हस्ताक्षर किए।
इससे पहले एसएफजे वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के खिलाफ अभियान चला चुका है।
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