Shubhanshu Shukla Return, Axiom-4 Misson splashdown Live Updates: भारत के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष नापकर और रिकॉर्ड बनाकर धरती पर वापस लौट रहे हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन गुजारने के बाद शुभांशु शुक्ला Axiom-4 स्पेस मिशन के 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मंगलवार को धरती पर पहुंचेंगे. इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लौट रहा SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट (जिसे ग्रेस नाम दिया गया है) मंगलवार दोपहर तकरीबन 3.01 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समंदर में स्प्लैशडाउन करेगा.
इसके साथ Axiom-4 मिशन का शानदार समापन होगा, जिसने तीन देशों - भारत, पोलैंड और हंगरी - के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में वापस भेजा है.
धरती के वातावरण में एंट्री के पहले की अंतिम तैयारियों में ड्रैगन कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडल में प्रवेश से पहले हीट शील्ड को स्थापित करना शामिल है, जिससे अंतरिक्ष यान लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में आएगा. इसके बाद पैराशूट खुलेंगे और कैप्सूल पानी में स्प्लैशडाउन करेगा.
Shubhanshu Shukla Return, Axiom-4 Misson splashdown Live Updates:
Shubhanshu Shukla Return Live: "जब से शुभांशु अंतरिक्ष में गए हैं, तबसे हमारी जिंदगी बदल सी गई है"- परिवार
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर वापस लौट रहे शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में बैठा परिवार बेसब्री से बेटे की वापसी का इंतजार कर रहा है. पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला ने एनडीटीवी से बात की. उन्होंने कहा कि जबसे शुभांशु अंतरिक्ष में गए हैं, तबसे उनकी जिंदगी बदल सी गई है. मां ने कहा कि घर पर खड़े होने पर लोग पैर छूकर आशीर्वाद लेने लगते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें डर तो नहीं है लेकिन मन थोड़ा भावुक है. मां आशा शुक्ला कहती हैं कि उन्हें भी कैलिफोर्निया जाने का मन था लेकिन मेडिकल कारणों से वो यात्रा नहीं कर सकती थीं. अब फिलहाल बेटे से जल्दी से मिलने का मन है. वो घर वापस कब आयेंगे, ये तो सरकार तय करेगी लेकिन उम्मीद है जल्दी ही वो वापस आयेंगे.
पिता शंभू दयाल शुक्ला कहते हैं कि पहले बेटा पिता के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब वो अपने बेटे के नाम से जाने जा रहे हैं. कभी मंत्रियों के साथ काम करने वाले शंभू दयाल शुक्ला कहते हैं कि जीवन कुछ ऐसा बदला है कि हम जिनके नीचे काम करते थे, आज वो हमसे मिलने हमारे घर आ रहे हैं. वो कहते हैं कि बेटे को कभी रोक-टोक नहीं किया. उसने बिना बताए फॉर्म भरा और सेलेक्शन हो गया तो हमने कभी उसे रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि अब इंतजार है शुभांशु के धरती पर वापस आने का.
Shubhanshu Shukla Return Live: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के लिए ISRO ने 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया है
ISRO ने शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की यात्रा के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया. Axiom-4 मिशन के साथ शुभांशु शुक्ला को ऐसा अनुभव मिला है जो भारत की स्पेस एजेंसी को भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने में मदद मिलेगा. 2 साल बाद ही गगनयान मिशन के जरिए ISRO धरती के ऑर्बिट (कक्षा) में मानव मिशन भेजेगा.
यह शुभांशु शुक्ला के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा रही है. वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इसके अलावा वो राकेश शर्मा (साल 1984) के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले केवल दूसरे भारतीय बने हैं.
Shubhanshu Shukla Return Live: ‘ड्रैगन’ किस चीज का बना है?
आखिर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट बना किस चीज का होता है जो धरती के वायुमंडल या एटमॉस्फेयर में आते समय आग के गोले में बदलने के बावजूद अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को पूरी तरह सुरक्षित रखता है. ड्रैगन कैप्सूल का प्राइमरी स्ट्रक्चर CFRP से बना है, इसमें वजन के अनुपात में असाधारण ताकत होती है. ड्रैगन कैप्सूल की हीट शील्ड PICA-X नामक एक मैटेरियल से बनी है, जो फेनोलिक इंप्रेग्नेटेड कार्बन एब्लेटर (PICA) मैटेरियल का एक प्रकार है.
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Shubhanshu Shukla Return Live: Axiom-4 क्यों मायने रखता है?
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की Axiom-4 मिशन के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा भारतीय अंतरिक्ष में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है. पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कई महत्वपूर्ण मिशनों को अंजाम दिया है, जिसने भारत को अत्याधुनिक अंतरिक्ष क्षमताओं वाले देशों के एक बहुत खास समूह में डाल दिया है. इसरो द्वारा चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर लैंडिंग इन प्रयासों का मुख्य आकर्षण थी. शुक्ला की उड़ान के साथ, हम अगले गियर में जा रहे हैं. अभी भी हमारा अपना मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन नहीं हो सकता है. ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ किसी और देश के मिशन पर ही यात्रा करते रहेगें. Axiom-4 मिशन हमारी अपनी अंतरिक्ष योजनाओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा है. यह गगनयान मिशन और उसके आने वाले अन्य मिशनों के लिए कुछ महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करेगा. इसे ऐसे समझिए कि यह प्रैक्टिस मैच था और यहां का अनुभव भारत अपने खुद के मानव मिशन में करेगा.
Shubhanshu Shukla Return Live: 14 दिन का मिशन 18 दिनों तक चला
शुभांशु शुक्ला का मिशन मूल रूप से 14 दिनों का था, लेकिन इसे 18 दिनों तक बढ़ा दिया गया. इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अतिरिक्त वैज्ञानिक रिसर्च का मौका मिल गया. 1984 में राकेश शर्मा के ऐतिहासिक स्पेस मिशन के बाद, Axiom-4 मिशन ने शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष की यात्रा करने वाला केवल दूसरा भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनाया है.
Shubhanshu Shukla Return Live: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से वापसी का 22 घंटे का सफर
ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान के सोमवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग होने के साथ शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी की वापसी यात्रा शुरू हो गई. स्पेस स्टेशन के आसपास के सुरक्षित क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर वापसी की 22.5 घंटे की आरामदायक यात्रा के लिए अपने स्पेससूट उतार दिए. ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान द्वारा मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया तट पर पहुंचने के लिए डी-ऑर्बिट प्रक्रिया शुरू करने से पहले, अंतरिक्ष यात्री एक बार फिर स्पेससूट पहनेंगे.