
Shubhanshu Shukla School: अंतरिक्ष में सफल यात्रा करने के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने देश भारत आ गए हैं. जहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ, पीएम मोदी से उन्होंने मुलाकात की, अब शुभांशु शुक्ला अपने शहर लखनऊ पहुंचेंगे जहां पर उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं. शुभांशु शुक्ला ने जहां से पढ़ाई की है सिटी मॉन्टेसरी स्कूल उस स्कूल में भी उनके स्वागत की तैयारी हो रही है. स्कूल में उनका पारंपरिक अंदाज में स्वागत होगा, जहां वे छात्रों से संवाद करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे.
NDA से हुई करियर की शुरुआत
लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े शुक्ला ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के अलीगंज परिसर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान आया, जिसने उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए गहराई से प्रेरित किया. इससे प्रेरित होकर, उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा पास की. उन्होंने 2005 में NDA से कंप्यूटर साइंस में बीएससी की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना अकादमी में पायलट ट्रेनिंग लिया और 2006 में लड़ाकू विमान में कमीशन प्राप्त किया.
बाद में उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया. शुक्ला का चयन 2019 में भारत के गगनयान मिशन के लिए हुआ, जिसके बाद उन्हें अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया. उन्होंने रूस के प्रतिष्ठित यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया और 2021 में यह कोर्स पूरा किया.
World's Largest School: सिटी मॉन्टेसरी स्कूल
लखनऊ में स्थित 'सिटी मॉन्टेसरी स्कूल' (City Montessori School, CMS) दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल है. ये को-एजुकेशनल इंग्लिश मीडियम प्राइवेट स्कूल है. इसमें प्री स्कूल से 12वीं क्लास तक पढ़ाई होती है. ये स्कूल 1959 में डॉक्टर भारती गांधी और जगदीश गांधी ने शुरू किया था. इतना ही नहीं, इस स्कूल का नाम साल 2019 से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है.
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