
एक्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन के मध्यावधि चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी बहुमत से दूर रह सकती है.
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ब्रिटेन में समय से तीन साल पहले ही मध्यावधि चुनाव
ब्रिटेन में इससे पहले 2015 में आम चुनाव हुए थे
2016 में ब्रेग्जिट के मसले पर मतदान हुआ था
मतदान ब्रिटेन के समयानुसार रात 10 बजे और भारतीय समयानुसार रात ढाई बजे समाप्त हुआ. इसके बाद वोटों की गिनती की जाएगी. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक टेरेसा मे के प्रधानमंत्री बने रहने की संभावना है. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक प्रधानमंत्री बहुमत से दूर रह सकती हैं. एक्जिट पोल के अनुसार टेरीजा मे की कंजर्वेटिव पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन उसे स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना नहीं है. संसद त्रिशंकु हो सकती है.
एक्जिट पोल के अनुसार प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कंजर्वेटिव पार्टी ब्रिटेन की 650 सदस्यीय संसद में 314 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. इस स्थिति में पार्टी के बहुमत के लिए जरूरी सीटों में 17 सीटों की कमी होगी. स्पष्ट बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 326 सीटों की जरूरत है.लेबर पार्टी को 266 सीटें मिल सकती हैं और इस स्थिति में वह वर्ष 2015 के चुनाव के मुकाबले 34 सीटों की बढ़त की स्थिति में नजर आ रही है. कुल मिलाकार कंजर्वेटिव पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होगी लेकिन एक्जिट पोल के मुताबिक उसे स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार नहीं हैं.
हाल ही में दो आतंकी हमलों का शिकार बने ब्रिटेन में चार करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. ब्रिटेन के नेशनल काउंटर टैररिज्म पुलिसिंग के मुख्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि स्थानीय पुलिस बल मतदान केंद्रों के आसपास की सुरक्षा की लगातार समीक्षा करते रहे. हाल ही में हुए दो आतंकी हमलों के बाद चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसबल देखा गया. चुनाव पूर्व सर्वेक्षण ब्रिटिश प्रधानमंत्री को उनके मौजूदा पद पर बनाए रखने के पक्ष में दिखाई दिया था.
टेरीजा मे ने 52 दिन पहले मध्यावधि चुनावों का आह्वान किया था. 60 वर्षीय मे ने निर्धारित समय से तीन साल पहले ही चुनावों का आह्वान कर दिया था. उन्होंने 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से जुड़ी पेचीदा बातचीत से पहले ही इन चुनावों को करवा लिया है.
तीन साल में ब्रिटेन के इस चौथे बड़े चुनाव में 4.6 करोड़ मतदाता थे. इनमें से 15 लाख मतदाता भारतीय मूल के थे. इससे पहले वर्ष 2014 में स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह हुआ था, वर्ष 2015 में आम चुनाव हुआ था और वर्ष 2016 में ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान हुआ था. यह देखा जाना अभी बाकी है कि मध्यावधि चुनाव कराने का टेरीजा का फैसला उनकी कंजर्वेटिव पार्टी की जीत के पूर्वानुमानों को यथार्थ में बदल पाता है या फिर लेबर पार्टी हाउस ऑफ कॉमन्स में टेरीजा की पार्टी के हल्के बहुमत को नुकसान पहुंचाने में सफल हो जाती है.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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