पाकिस्तान ने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के हताशापूर्ण प्रयासों के तहत कैबिनेट मंत्रियों और उनके सलाहकारों द्वारा वेतन नहीं लेने, विदेश यात्रा के दौरान मंत्रियों के फाइव स्टार होटल में नहीं ठहरने जैसे मितव्ययिता के कई उपायों का ऐलान किया.
पाकिस्तान को धन की अत्यधिक जरूरत है, क्योंकि यह एक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. इसे अतीत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. वर्तमान में यह (पाकिस्तान) अपने ऋण कार्यक्रम को बहाल करने के लिए वार्ता कर रहा है.
ऋण कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा पर समझौता होने के बाद पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर जारी होगा. आईएमएफ के कार्यक्रम के बहाल होने पर पाकिस्तान के लिए ऋण पाने के और भी द्वार खुल जाएंगे.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसलों की घोषणा की. बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद आधिकारिक खर्च में कटौती करने के उपायों की मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और सलाहकारों ने स्वेच्छा से फैसला किया है कि वे सरकारी खजाने से वेतन या कोई अन्य लाभ नहीं लेंगे. अपने खर्चों के बिल का भुगतान करेंगे.''
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य ‘लग्जरी' कार का उपयोग नहीं करेंगे और विमान में ‘‘इकोनॉमी'' श्रेणी में यात्रा करेंगे. विदेश यात्रा के दौरान पांच सितारा होटल में नहीं ठहरेंगे. सभी सरकारी अधिकारियों पर भी यह लागू होगा.
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि संघीय सरकार के प्रत्येक विभाग के मौजूदा खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी और प्रांतों को भी इसका अनुसरण करने तथा खर्चों में कटौती करने को कहा. उन्होंने मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा ‘लग्जरी' कार का उपयोग किये जाने पर भी पाबंदी लगा दी. उन्होंने नयी कार सहित ‘लग्जरी' वस्तुओं की खरीद पर भी जून 2024 तक पाबंदी लगा दी.
अन्य उपायों में, गर्मियों के मौसम में सुबह साढ़े सात बजे सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू करना और सरकारी कार्यक्रमों में एक व्यंजन की नीति शुरू करना शामिल है. यह नीति विदेशी अतिथियों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में लागू नहीं होगी. विदेशी भुगतान करने में नाकाम होने से बचने के लिए सात अरब डॉलर के रिण पैकेज के तहत आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर हासिल करने के लिए पाकिस्तान के झुकने के बीच ये उपाय किये गये हैं.
प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि आईएमएफ कोष के लिए वार्ता अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि समझौते तक पहुंचने के लिए कुछ दिनों में विषय सुलझ जाएंगे.
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