अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इसी बीच अमेरिका ने कहा है कि वह बिना किसी कठोर पूर्व शर्त के ईरान के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. बीबीसी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को लिखे पत्र में अमेरिका ने कहा कि ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या आत्मरक्षा में उठाया कदम था. अमेरिका ने अपनी सफाई में स्पष्ट किया है कि सुलेमानी की हत्या मध्य-पूर्व में अमेरिकी नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए अनिवार्य था.
ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें दागकर जवाबी कार्रवाई की है, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ है. इसने भी संयुक्त राष्ट्र को यही बताया है कि यह कदम आत्मरक्षा के लिए उठाया गया था.
जनरल सुलेमानी ईरान के दूसरे सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी थे.
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रिवोल्यूशनरी गार्डस के कुर्द बल के प्रमुख के रूप में वह इस क्षेत्र में ईरानी नीति के वास्तुकार माने जाते थे.
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनी ने अमरीकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमले को 'अमेरिकियों के गाल पर थप्पड़' करार दिया है. खामेनी ने कहा कि मध्य-पूर्व से अमेरिकी सैनिकों को खदेड़ना ज्यादा जरूरी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को लिखे एक पत्र में ईरान के साथ बातचीत के लिए सहमति जताते हुए अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए हम इसके लिए तैयार हैं.
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अमेरिका ने यूएन को लिखे पत्र में सुलेमानी की मौत को सही ठहराते हुए यूएन चार्टर का उल्लेख किया. पत्र के अनुसार, "बगदाद में शुक्रवार को सुलेमानी की हत्या पूरी तरह से यूएन चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत जायज है."
इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि अमेरिका अपने हितों की रक्षा और क्षेत्र में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए मध्य-पूर्व में जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त कार्रवाई के लिए भी तैयार है.
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