पाकिस्तान के परमाणु हथियारों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए सीआईए के एक पूर्व विश्लेषक ने संदेह जताया है कि देश ने सउदी अरब को एक परमाणु बम मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
सीआईए के पूर्व विश्लेषक ब्रूस राइडेल ने कहा, एक बड़ी अनजान बात यह है कि क्या वे (सउदी अरब) लोग बम के लिए पाकिस्तान के साथ पहले ही समझौता कर चुके हैं। यह समकालीन पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया के बड़े रहस्यों में से एक है। फिलहाल राइडेल एक प्रख्यात अमेरिकी विचार समूह ‘ब्रूकिंग्स इन्स्टीट्यूट’ से जुड़े हैं, जिसने हाल ही में ओबामा प्रशासन की विदेश नीति पर एक चर्चा आयोजित की थी।
इसी चर्चा में राइडेल ने कहा, दुनिया में सबसे तेजी से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या ही क्यों बढ़ रही है? भारतीयों की तुलना में वह दोगुने और तिगुने बम क्यों बना रहे हैं? क्या उनका कोई बाहरी भागीदार है, जिसके साथ उन्होंने प्रतिबद्धता कर रखी है। राइडेल ने कहा, इस मुद्दे पर अटकलें कई हैं, लेकिन तथ्य बहुत ही कम है। मेरे विचार से शायद सउदी अरब और पाकिस्तान के बीच कोई चर्चा हुई होगी और पाकिस्तान ने सउदी अरब को एक बम मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई होगी। उन्होंने कहा कि सउदी अरब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से गहरे तक निराश है। वह (सउदी अरब के लोग) ओबामा की शुरुआत को लेकर शुरू में बहुत उत्साहित थे। वास्तव में रियाद पहला अरब देश है जहां राष्ट्रपति ओबामा काहिरा में अपने भाषण से पहले गए, लेकिन सउदी अरब के लोगों का मोहभंग हो गया है। उन्होंने बता दिया कि इस साल कई बातों को लेकर उनका मोह भंग हुआ।
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