प्रतीकात्मक चित्र
रियाद:
सऊदी अरब ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए 34 देशों ने एक नए 'इस्लामी सैन्य गठबंधन' के गठन के लिए सहमति व्यक्त की है। यह गठबंधन राजधानी रियाद स्थित साझा अभियान केंद्र के तहत मिलकर आतंकवाद से संघर्ष करेगा, लेकिन इस गठबंधन में शिया बहुल ईरान या इराक शामिल नहीं होगा। इसके साथ ही अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह वास्तव में कैसे काम करेगा।
यह घोषणा सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन की स्थापना इसलिए की जा रही है, क्योंकि आतंकवाद से सभी तरीकों से लड़ा जाना चाहिए और इसके खात्मे के लिए सहयोग होना चाहिए।
यद्यपि इस्लामिक स्टेट से संघर्ष कर रहे देशों ईरान, इराक और सीरिया को इससे दूर रखने के चलते इस बात को लेकर सवाल उठते हैं कि क्या इस गठबंधन का उद्देश्य उस ईरान के अतिवादियों के खिलाफ एक एकीकृत मोर्चा पेश करना है, जो सऊदी अरब का मुख्य क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी है। सऊदी अरब, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाने के लिए संघर्ष कर रहे विद्रोहियों का समर्थन करता है। बशर ईरान के एक प्रमुख सहयोगी हैं।
यह घोषणा सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन की स्थापना इसलिए की जा रही है, क्योंकि आतंकवाद से सभी तरीकों से लड़ा जाना चाहिए और इसके खात्मे के लिए सहयोग होना चाहिए।
यद्यपि इस्लामिक स्टेट से संघर्ष कर रहे देशों ईरान, इराक और सीरिया को इससे दूर रखने के चलते इस बात को लेकर सवाल उठते हैं कि क्या इस गठबंधन का उद्देश्य उस ईरान के अतिवादियों के खिलाफ एक एकीकृत मोर्चा पेश करना है, जो सऊदी अरब का मुख्य क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी है। सऊदी अरब, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाने के लिए संघर्ष कर रहे विद्रोहियों का समर्थन करता है। बशर ईरान के एक प्रमुख सहयोगी हैं।
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