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This Article is From May 02, 2013

पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में मरने वाला दूसरा भारतीय है सरबजीत

लाहौर: पाकिस्तान के कुख्यात कोट लखपत जेल में गुरुवार को मरने वाले सरबजीत सिंह दूसरे भारतीय हैं जिनकी मौत इस साल इस जेल में हुई। सरबजीत सिंह जेल में हुए हमले के बाद करीब एक सप्ताह तक गहन कोमा में थे।

सरबजीत (49) को मौत की सजा सुनाई गई थी, शुक्रवार को उनके छह साथियों द्वारा उनपर क्रूर हमला किया गया था। उनके सिर पर ईंटों से वार किया गया था। सरकारी जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत मृत्यु तक कोमा में ही थे।

जनवरी में एक और भारतीय कैदी चमेल सिंह की जेल में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी।

जिस अस्पताल में सरबजीत की मौत हुई, कहा जाता है कि 60 वर्षीय चमेल को उसी अस्पताल में लाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। उन्हें कथित रूप से जासूसी में लिप्त होने के मामले में पांच वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई थी।

उस वक्त पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चमेल को यातना दिए जाने के लक्षण दिखे थे जिससे जेल प्रशासन ने इनकार किया था।

कोट लखपत जेल में 4,000 से अधिक कैदियों के रखने की क्षमता है लेकिन इसमें इसकी क्षमता से चार गुणा ज्यादा कैदी रहते हैं। इस वक्त इस जेल में 17,000 कैदी कैद हैं जिनमें कम से कम 36 भारतीय कैदी हैं।

पिछले सप्ताह दौरे के दौरान एक भारत-पाक न्यायिक समिति के भारतीय सदस्यों ने भारतीय कैदियों का साक्षात्कार भी किया था। सरबजीत पर हमले से पहले कुछ कैदियों ने यह शिकायत की थी कि उन्हें ‘‘वास्तव में कोई सुरक्षा’’ नहीं दी जाती।

रिपोर्ट के अनुसार, कैदियों ने कहा कि सरबजीत पर हमला होने के बाद जेल कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं और किसी भी कैदी को अन्य के नजदीक नहीं जाने दे रहे।

समिति ने इससे पहले कराची और रावलपिंडी का भी दौरा किया था और वहां भारतीय कैदियों से मुलाकात की थी।

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