इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय बंदी सरबजीत सिंह ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समक्ष दया की नई अपील दायर की है।
सरबजीत के वकील अवैस शेख ने बताया कि यह अपील उनके मुवक्किल ने 14 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दायर की है।
शेख ने लाहौर में सरबजीत से मुलाकात की। उन्होंने एक ई-मेल से सरबजीत के पुत्र स्वप्नदीप को बताया कि उसके पिता ने पाकिस्तान के 65 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दया के लिए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और यह पत्र जरदारी को संबोधित है।
उन्होंने सरबजीत के हवाले से कहा कि वह हाल ही में अपनी रिहाई की खबर गलत बताए जाने की वजह से निराश और दुखी है।
शेख का स्वप्नदीप को लिखा गया पत्र उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू को अग्रसारित किया। काटजू ने हाल ही में राजस्थान की जेल से वयोवृद्ध पाकिस्तानी वैज्ञानिक खलील चिश्ती की रिहाई का मामला जोरदार तरीके से उठाया था।
काटजू ने शेख को लिखा कि सरबजीत को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है। उन्होंने सरबजीत की तत्काल रिहाई की मांग की।
सरबजीत के वकील अवैस शेख ने बताया कि यह अपील उनके मुवक्किल ने 14 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दायर की है।
शेख ने लाहौर में सरबजीत से मुलाकात की। उन्होंने एक ई-मेल से सरबजीत के पुत्र स्वप्नदीप को बताया कि उसके पिता ने पाकिस्तान के 65 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दया के लिए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और यह पत्र जरदारी को संबोधित है।
उन्होंने सरबजीत के हवाले से कहा कि वह हाल ही में अपनी रिहाई की खबर गलत बताए जाने की वजह से निराश और दुखी है।
शेख का स्वप्नदीप को लिखा गया पत्र उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू को अग्रसारित किया। काटजू ने हाल ही में राजस्थान की जेल से वयोवृद्ध पाकिस्तानी वैज्ञानिक खलील चिश्ती की रिहाई का मामला जोरदार तरीके से उठाया था।
काटजू ने शेख को लिखा कि सरबजीत को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है। उन्होंने सरबजीत की तत्काल रिहाई की मांग की।
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