ताइवान की संसद ने 17 मई को समलैंगिक विवाह को वैध करार देने के पक्ष में मतदान किया. समलैंगिक विवाह के कानून को पारित करने वाला यह स्व-शासित द्वीप एशिया में प्रथम है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में इस द्वीप की संवैधानिक अदालत ने फैसला लिया था कि समलैंगिक जोड़ों को आपस में शादी करने का कानूनी अधिकार है.
इस बारे में संसद को दो साल की समय सीमा दी गई थी और 24 मई तक आवश्यक बदलाव पारित करने की आवश्यकता थी.
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सांसदों ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए तीन अलग-अलग विधेयकों पर बहस की और इनमें से जो सबसे प्रगतिशील रहा, उसे पारित किया.
सैकड़ों की संख्या में समलैंगिक अधिकारों के समर्थक संसद के बाहर एकत्रित होकर निर्णय के आने का इंतजार करते दिखे.
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यह बदलाव साल 2017 में अदालत के फैसले के खिलाफ सार्वजनिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया के बावजूद आया. इस प्रतिक्रिया ने सरकार पर जनमत संग्रह कराने का दबाव डाला.
जनमत संग्रह के निष्कर्षो से पता चला कि ताइवान में बहुसंख्यक मतदाताओं ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने का विरोध किया. उनका कहना था कि विवाह की असली परिभाषा एक आदमी और औरत का साथ में होना है.
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