विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि चीन के सैनिकों द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले उकसावे वाले अतिक्रमणों को लेकर भारत चिंतित है जिसकी वजह से दोनों के देश आमने-सामने आ गए, लेकिन आशा है कि सीमा मुद्दे अंतत: सुलझ जाएंगे।
खुर्शीद ने कहा, ‘निश्चित तौर पर हम ऐसे कदमों को लेकर चिंतित हैं जो कि उकसावे वाले या हमारे हितों के प्रतिकूल लगते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन, निश्चित तौर पर यह अतिक्रमण वास्तविक नियंत्रण रेखा की वर्तमान स्थिति जो है और जो होनी चाहिए को लेकर अलग-अलग धारणाओं के चलते हो रहा है। अच्छी खबर यह है कि चीनी मोर्चे पर गत कई वर्ष से कोई भी हताहत नहीं हुआ है। भिड़ंत और आमना-सामना हुआ है लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है’। उन्होंने ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के साथ साक्षात्कार में माना कि सीमा मुद्दे अंतत: सुलझ जाएंगे और भारत तथा चीन के बीच शांति और स्थिरता लंबे समय के लिए मजबूत हो जाएगी।’
इस सवाल पर कि यदि भारत और चीन अपने आकार, निकटता, विषम राजनीतिक प्रणालियों और भिन्न भूसामरिक हितों के आधार पर कुछ सीमा तक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी नियत नहीं होते, खुर्शीद ने कहा, ‘हां, मेरा मानना है कि यह कुछ हद तक अपरिहार्य है, यद्यपि यह उससे कहीं अधिक जटिल है लेकिन निश्चित तौर पर हम ऐसे प्रतिद्वंद्वी होना चाहेंगे जो साझेदार भी हों, साझेदार जो प्रतिद्वंद्वी भी हों।’
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