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रूस का ये घातक हमला तो झांकी है, पुतिन की परमाणु तबाही वाली धमकी अभी बाकी है

रूस के अनुसार, अमेरिका और पोलैंड का यह कदम रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करता है. इसके चलते परमाणु खतरों का स्तर बढ़ सकता है. रूस की इस प्रकार की खुली धमकी पर पोलैंड ने जवाब में कहा कि मॉस्को की बयानबाजी ने इस बात को उजागर कर दिया है कि नाटो को अपनी रक्षा क्षमता को और बढ़ाने की आवश्यकता है. पोलैंड की प्रवक्ता पावेल व्रोंस्की ने कहा कि यह बेस पूरी तरह से रक्षा उद्देश्यों के लिए बनाया गया है और इसमें कोई भी परमाणु मिसाइलें नहीं हैं.

रूस का ये घातक हमला तो झांकी है, पुतिन की परमाणु तबाही वाली धमकी अभी बाकी है
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन.
नई दिल्ली:

Russia Ukraine Polland : दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार दुनिया में किसी देश ने दूसरे देश पर सबसे घातक बमों में से एक का इस्तेमाल किया है. गुरुवार को खबर आई थी कि रूस ने यूक्रेन पर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल कर दिया है लेकिन रूस ने साफ कर दिया कि यह आईसीबीएम नहीं थी बल्कि , आईआरबीएम (इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल) का प्रयोग था. यह भी अपने आप में पहली बार है जब इस प्रकार की मिसाइल से हमला किया गया हो. रूस के बयान से साफ हुआ कि अपनी एक मिसाइल को टेस्ट करने के लिए रूस ने यूक्रेन पर दाग दिया. इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन के अलावा अन्य उन सभी देशों को एक बार चेतावनी दी है जिसने यूक्रेन को अपनी अपनी घातक मिसाइलों का प्रयोग करने के लिए यूक्रेन को इजाजत दी है. गौरतलब है कि अभी तक यूक्रेन ने अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलों का प्रयोग रूस पर किया है. 

पुतिन ने मीडिया के सामने दिया जवाब और खुली धमकी

हमले पर उठ रहे तमाम सवालों का जवाब देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करते हुए एक नई मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम RS-26 ) का परीक्षण किया है. पुतिन ने चेतावनी दी कि रूस इसका इस्तेमाल उन देशों के खिलाफ कर सकता है जिन्होंने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए अपनी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. इसके साथ ही पुतिन ने पौलेंड स्थित अमेरिकी एयरबेस को बरबाद करने की भी धमकी दी. रूस ने कहा कि 13 नवंबर को पोलैंड के उत्तरी क्षेत्र में खोला गया नया अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा बेस, अमेरिका और उसके सैन्य सहयोगियों के "खतरनाक मंसूबों" का हिस्सा है. 

पोलैंड पर अमेरिकी बेस को तबाह करेगा रूस

रूस के अनुसार, अमेरिका और पोलैंड का यह कदम रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करता है. इसके चलते परमाणु खतरों का स्तर बढ़ सकता है. रूस की इस प्रकार की खुली धमकी पर पोलैंड ने जवाब में कहा कि मॉस्को की बयानबाजी ने इस बात को उजागर कर दिया है कि नाटो को अपनी रक्षा क्षमता को और बढ़ाने की आवश्यकता है. पोलैंड की प्रवक्ता पावेल व्रोंस्की ने कहा कि यह बेस पूरी तरह से रक्षा उद्देश्यों के लिए बनाया गया है और इसमें कोई भी परमाणु मिसाइलें नहीं हैं. इस प्रकार की धमकियों से पोलैंड और नाटो को वायु रक्षा को और मजबूत करने का कारण मिलता है और इस पर अमेरिका को भी ध्यान देना चाहिए.

जानकारी के लिए बता दें कि 12 मार्च 1999 को पोलैंड नाटो का सदस्य बना था. रूस ने जिस मिसाइल बेस की बात की है वह पोलैंड के रेडजिकोवो में स्थित है और नाटो की मिसाइल शील्ड का हिस्सा है.नाटो का कहना है कि यह शील्ड छोटे से लेकर मध्य दूरी तक के बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है.

अमेरिका को दी थी हमले की जानकारी

इससे पहले एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि रूस ने यूक्रेनी शहर पर मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया था कि रूस ने मिसाइल दागने से पहले अमेरिका को जानकारी दे दी थी.

क्यों किया हमला

पुतिन ने पूरी दुनिया को बताया कि यूक्रेन पर रूसी मिसाइल से ये हमला इसलिए किया गया क्योंकि इस सप्ताह की शुरुआत में यूक्रेन द्वारा रूसी क्षेत्र पर अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों से हमला किया गया था. 

बनता जा रहा परमाणु हमले का खतरा

गौरतलब है कि रूस जिस हिसाब से दिन-ब-दिन खतरनाक स्तर पर हमले की योजना पर काम कर रहा है उससे साफ हो रहा है कि रूस जल्द परमाणु हमला भी कर सकता है. रूस ने अपने सैनिकों को परमाणु युद्धाभ्यास के लिए भी कहा है. इसके अलावा रूस ने अपनी परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की नीति में भी बदलाव किया है. 

इन सब बातों से यह समझा जा सकता है कि रूस कहीं से भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है. रूस यूक्रेन के साथ पिछले 2 साल  महीने से अधिक से जारी इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहता है. 

कितनी खतरनाक है मिसाइल

जानकारी के अनुसार, RS-26 का पहली बार 2012 में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था और अनुमान है कि यह 12 मीटर (40 फीट) लंबी और 36 टन वजनी है. RS-26 800 किलोग्राम (1,765 पाउंड) का परमाणु वारहेड ले जा सकता है. बता दें कि जापान के नागासाकी पर जो बम गिरा था वह 4400 किलोग्राम का था. यह परिष्कृत यूरेनियम से तैयार किया गया था. 

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