प्रतीकात्मक तस्वीर
बेरूत:
रूसी लड़ाकू विमानों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के विरोधियों के खिलाफ लगातार तीसरे दिन हवाई हमले किए। हालांकि खबर है कि रूस अपने कहे से उलट इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों को नहीं, बल्कि उसके विरोधी गुटों को ही खास तौर से निशाना बना रहा है। इस बीच मास्को और वाशिंगटन सीरिया में अपने बलों के टकराव को टालने के लिए एक-दूसरे से तत्काल बातचीत की तैयारियों में लगे हुए हैं।
IS के चार ठिकानों पर हमले का रूसी दावा
असद के करीबी सहयोगियों में शामिल रूस ने दूसरे दिन के हमले के बाद कहा था कि ताजा हमलों में इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह के चार ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस आतंकवादी समूह ने सीरिया और पड़ोसी मुल्क इराक के बड़े भू-भाग पर नियंत्रण किया हुआ है। उसने कहा कि हवाई हमले में 'आतंकवादी' मुख्यालय, हथियारों का एक गोदाम, एक कमांड सेंटर और एक कार बम फैक्टरी नष्ट की गई है।
आईएस को छोड़ उसके विरोधियों पर निशाने का आरोप
वहीं दूसरी ओर, सीरियाई सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि हवाई हमले में इस्लामिक विद्रोहियों के शक्तिशाली गठबंधन 'आर्मी ऑफ कॉन्क्वेस्ट' को निशाना बनाया गया। इसमें अल-कायदा का सीरिया धड़ा भी शामिल है और वह आईएस का धुर विरोधी है।
अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि रूसी युद्धक विमानों ने 'हमारे सीआईए द्वारा सहायता प्राप्त और प्रशिक्षित' समूहों पर हमला किया है। सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष मैक्केन ने दलील दी कि, इस कदम ने असद को बनाए रखने की मास्को की असली प्राथमिकता को दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि यह 'पूरी तरह पुष्ट' है कि हवाई हमले 'फ्री सीरियन आर्मी' और अन्य समूहों पर किए गए हैं जिन्हें सीआईए ने हथियार और प्रशिक्षण दिया है।
अमेरिका समर्थित विद्रोही समूह सुकुर अल-जबाल (पर्वतों के बाज) ने कहा कि रूसी युद्धक विमानों ने इदलिब प्रांत में स्थित उसके प्रशिक्षण शिविर पर 10 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं।
रूस ने आरोपों को किया खारिज
हालांकि मास्को ने इन आरोपों को खारिज किया है कि हवाई हमले में असद के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों को निशाना बनाया गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन आरोपों को गलत बताया है और हमलों में असैन्य नागरिकों के मारे जाने के आरोपों को खारिज करते हुए, इन दावों को 'सूचना युद्ध' बताया।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने को लेकर 2011 में शुरू हुए विद्रोह ने गृह युद्ध का रूप ले लिया और इसमें हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में जिहादी विदेशों से आ रहे हैं।
IS के चार ठिकानों पर हमले का रूसी दावा
असद के करीबी सहयोगियों में शामिल रूस ने दूसरे दिन के हमले के बाद कहा था कि ताजा हमलों में इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह के चार ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस आतंकवादी समूह ने सीरिया और पड़ोसी मुल्क इराक के बड़े भू-भाग पर नियंत्रण किया हुआ है। उसने कहा कि हवाई हमले में 'आतंकवादी' मुख्यालय, हथियारों का एक गोदाम, एक कमांड सेंटर और एक कार बम फैक्टरी नष्ट की गई है।
आईएस को छोड़ उसके विरोधियों पर निशाने का आरोप
वहीं दूसरी ओर, सीरियाई सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि हवाई हमले में इस्लामिक विद्रोहियों के शक्तिशाली गठबंधन 'आर्मी ऑफ कॉन्क्वेस्ट' को निशाना बनाया गया। इसमें अल-कायदा का सीरिया धड़ा भी शामिल है और वह आईएस का धुर विरोधी है।
अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि रूसी युद्धक विमानों ने 'हमारे सीआईए द्वारा सहायता प्राप्त और प्रशिक्षित' समूहों पर हमला किया है। सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष मैक्केन ने दलील दी कि, इस कदम ने असद को बनाए रखने की मास्को की असली प्राथमिकता को दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि यह 'पूरी तरह पुष्ट' है कि हवाई हमले 'फ्री सीरियन आर्मी' और अन्य समूहों पर किए गए हैं जिन्हें सीआईए ने हथियार और प्रशिक्षण दिया है।
अमेरिका समर्थित विद्रोही समूह सुकुर अल-जबाल (पर्वतों के बाज) ने कहा कि रूसी युद्धक विमानों ने इदलिब प्रांत में स्थित उसके प्रशिक्षण शिविर पर 10 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं।
रूस ने आरोपों को किया खारिज
हालांकि मास्को ने इन आरोपों को खारिज किया है कि हवाई हमले में असद के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों को निशाना बनाया गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन आरोपों को गलत बताया है और हमलों में असैन्य नागरिकों के मारे जाने के आरोपों को खारिज करते हुए, इन दावों को 'सूचना युद्ध' बताया।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने को लेकर 2011 में शुरू हुए विद्रोह ने गृह युद्ध का रूप ले लिया और इसमें हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में जिहादी विदेशों से आ रहे हैं।
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