सांकेतिक तस्वीर
मास्को:
राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को विदेश में (सैन्य) ताकत के इस्तेमाल के लिए संसद से मंजूरी मिलने के बाद रूस ने युद्धप्रभावित सीरिया में बुधवार को अपना पहला हवाई हमला किया। यह अफगानिस्तान में 1979 में सोवियत संघ के आक्रमण के बाद सुदूर क्षेत्र में लड़ाई में रूस की पहली भागीदारी है।
...मास्को उसके पीछे पड़ जाएगा
पुतिन ने कहा कि यह कार्रवाई पहले से ही उठाया गया कदम, एक चेतावनी है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी रूस को निशाना बनाए, उससे पहले ही मास्को उसके पीछे पड़ जाएगा। उन्होंने टेलीविजन पर कहा, 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ने का एकमात्र सही तरीका है कि पहले से लड़ाकों और आतंकवादियों पर कार्रवाई करना, उन क्षेत्रों में ही उनसे लड़ना और उन्हें नष्ट करना, जहां उन्होंने पहले से ही कब्जा जमा रखा है, न कि इस बात का इंतजार करना कि वे हम तक पहुंचें।'
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मास्को ने सीरिया में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए। एक सीरियाई सुरक्षा सूत्र ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने तीन प्रांतों को निशाना बनाया।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरिया में इस्लामिक स्टेट को पराजित करने के तौर तरीकों पर तथा देश के संकटग्रस्त नेता बशर अल असद की भूमिका के संदर्भ में प्रतिद्वंद्वी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने हमें सचेत कर दिया, वे सीरिया में हमला शुरू करने जा रहे थे। यह होम्स के समीप ही था। 'पुतिन को विदेश में सैनिकों की तैनाती के बारे में महज कुछ घंटे पहले ही संसद के उपरी सदन 'फेडरेशन ऑफ काउंसिल' से इन हमलों की मंजूरी मिली थी।
क्रेमलिन के चीफ ऑफ स्टाफ सर्गेई इवानोव ने टेलीविजन पर कहा, 'फेडरेशन कॉफ काउंसिल ने एकमत से राष्ट्रपति के अनुरोध का समर्थन किया है। 'उन्होंने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति द्वारा रूस से सैन्य सहयोग का अनुरोध किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सीरिया ने इस अनुरोध की पुष्टि की है।
उन्होंने अभियान का ब्योरा देने से इनकार कर दिया, बस इतना कहा कि यह निश्चित समय सीमा के लिए होगा और रूसी सैनिक जमीन पर अभियान में शामिल नहीं होंगे। पुतिन पिछले कुछ समय में क्रीमिया की घटनाओं के कारण पश्चिमी देशों द्वारा अलग थलग किए जाने के बाद अब एक बार फिर विश्वमंच पर अपनी धाक जमाने की कोशिश में जुटे हैं।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए रूस के कद्दावर नेता पुतिन ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित गठबंधन का प्रस्ताव रखा था और असद के भविष्य को लेकर ओबामा से विचारों से असहमति जताई थी।
अमेरिका और उसके सहयोगी असद सरकार को सीरिया में मार-काट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जहां पिछले चार साल में खूनखराबे में 2,40,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच फ्रांस ने असद सरकार के खिलाफ मानवता के विरूद्ध कथित अपराधों की जांच शुरू की है। न्यायिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
...मास्को उसके पीछे पड़ जाएगा
पुतिन ने कहा कि यह कार्रवाई पहले से ही उठाया गया कदम, एक चेतावनी है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी रूस को निशाना बनाए, उससे पहले ही मास्को उसके पीछे पड़ जाएगा। उन्होंने टेलीविजन पर कहा, 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ने का एकमात्र सही तरीका है कि पहले से लड़ाकों और आतंकवादियों पर कार्रवाई करना, उन क्षेत्रों में ही उनसे लड़ना और उन्हें नष्ट करना, जहां उन्होंने पहले से ही कब्जा जमा रखा है, न कि इस बात का इंतजार करना कि वे हम तक पहुंचें।'
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मास्को ने सीरिया में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए। एक सीरियाई सुरक्षा सूत्र ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने तीन प्रांतों को निशाना बनाया।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरिया में इस्लामिक स्टेट को पराजित करने के तौर तरीकों पर तथा देश के संकटग्रस्त नेता बशर अल असद की भूमिका के संदर्भ में प्रतिद्वंद्वी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने हमें सचेत कर दिया, वे सीरिया में हमला शुरू करने जा रहे थे। यह होम्स के समीप ही था। 'पुतिन को विदेश में सैनिकों की तैनाती के बारे में महज कुछ घंटे पहले ही संसद के उपरी सदन 'फेडरेशन ऑफ काउंसिल' से इन हमलों की मंजूरी मिली थी।
क्रेमलिन के चीफ ऑफ स्टाफ सर्गेई इवानोव ने टेलीविजन पर कहा, 'फेडरेशन कॉफ काउंसिल ने एकमत से राष्ट्रपति के अनुरोध का समर्थन किया है। 'उन्होंने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति द्वारा रूस से सैन्य सहयोग का अनुरोध किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सीरिया ने इस अनुरोध की पुष्टि की है।
उन्होंने अभियान का ब्योरा देने से इनकार कर दिया, बस इतना कहा कि यह निश्चित समय सीमा के लिए होगा और रूसी सैनिक जमीन पर अभियान में शामिल नहीं होंगे। पुतिन पिछले कुछ समय में क्रीमिया की घटनाओं के कारण पश्चिमी देशों द्वारा अलग थलग किए जाने के बाद अब एक बार फिर विश्वमंच पर अपनी धाक जमाने की कोशिश में जुटे हैं।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए रूस के कद्दावर नेता पुतिन ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित गठबंधन का प्रस्ताव रखा था और असद के भविष्य को लेकर ओबामा से विचारों से असहमति जताई थी।
अमेरिका और उसके सहयोगी असद सरकार को सीरिया में मार-काट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जहां पिछले चार साल में खूनखराबे में 2,40,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच फ्रांस ने असद सरकार के खिलाफ मानवता के विरूद्ध कथित अपराधों की जांच शुरू की है। न्यायिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं