Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर हमले के चौथे दिन और पश्चिमी देशों के साथ जारी तनाव के बीच रूसी परमाणु प्रतिरोधी बलों (Russian Nuclear Deterrent Force) को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. उनके इस कदम की अमेरिका ने कड़ी आलोचना की है और इसे पूर्ण रूप से अस्वीकार्य बताया है.
रूसी राष्ट्रपति ने अपने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख से कहा है कि वे Russian Nuclear Deterrent Forces को "लड़ाकू ड्यूटी" के लिए अलर्ट कर दें. इसके अलावा परमाणु हथियारों को लॉन्च करने की तैयारी बढ़ाने के रूसी राष्ट्रपति के आदेश से पिछली सदी के शीतयुद्ध के दौरान स्थाई रूप से दबे कई विचारों का डर फिर से दुनियाभर के सामने आ खड़ा हुआ है.
क्या है न्यूक्लियर डेटेरेंट फोर्स?
न्यूक्लियर डेटेरेंट फोर्स यानी वह बल जो परमाणु हमलों से बचा सके और जवाबी हमला कर सके. इस बल की जड़ में परमाणु प्रतिरोध या निरोध (Nuclear Deterrence Theory) विचारधारा है, जो शीत युद्ध (Cold War) से पहले की है, जिसका उपयोग किसी भी परमाणु आक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच तनाव बढ़ गया था, तब उसे शीतयुद्ध का नाम दिया गया था. उस दौरान दोनों महाशक्तियों (अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ) में परमाणु हथियारों के निर्माण और संग्रह की होड़ लग गई थी.
उसी वक्त अमेरिका ने Nuclear Deterrence Strategy अपनाई, जिसका अर्थ यह है कि अगर सोवियत संघ या किसी भी देश ने परमाणु हमला करने का प्रयास किया, तो अमेरिका बहुत तेजी से उसका जवाब देगा और जवाबी कार्रवाई में उससे भी बड़ा हमला करेगा.
पुतिन ने क्यों किया अलर्ट?
अब बदली हुई स्थितियों में रूसी राष्ट्रपति पुतिन उसी अमेरिकी रणनीति पर चल रहे हैं. पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका या नाटो के सहयोगी रूसी अर्थव्यवस्था के खिलाफ भारी प्रतिबंध लगाना जारी रखते हैं, या यूक्रेनी सेना की सहायता करने की कोशिश करते हैं, तो रूस परमाणु हथियारों से उसका जवाब देने के लिए तैयार रहेगा.
क्या रूस करेगा परमाणु हमला?
फिलहाल इस बात की संभावना कम ही है कि अमेरिका या नाटो के सहयोगी देश रूस के खिलाफ पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि कोई भी देश जो "हमारी राह में बाधा डालेगा" उसे ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जो उसने इतिहास में कभी नहीं झेलने होंगे.
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हालांकि, रूस अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया के खिलाफ पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने की बात से भी इनकार करता रहा है. बता दें कि यूक्रेन के पास कोई परमाणु हथियार नहीं हैं.
बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)ने सभी पक्षों से यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को खतरा पैदा करने वाली किसी भी कार्रवाई से परहेज करने का आह्वान किया है. IAEA ने कहा है कि यूक्रेन में कुल 15 रिएक्टर के साथ चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं, जो देश की बिजली का लगभग आधा हिस्सा प्रदान करते हैं.
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यूक्रेन की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने शनिवार को सभी पक्षों से ऐसे किसी भी कदम से परहेज करने का आह्वान किया जो परमाणु सामग्री की सुरक्षा और सभी परमाणु संयंत्रों के सुरक्षित संचालन को खतरे में डाल सकता है क्योंकि किसी भी घटना से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
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