रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवल्नी (Alexei Navalny) को ज़हर दिए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ये ख़ुलासा ख़ुद नवल्नी ने अपनी जांच से किया है. नवल्नी ने दावा कर कहा है कि उन्हें जहर दिया गया था, यह बाद खुद रूसी एजेंट ने स्वीकार कर ली है. नवल्नी ने बताया कि उन्होंने एक फ़ोन कॉल के ज़रिये रूस की FSB Security Service के एजेंट कॉन्सटैंटिन कुद्रयास्तेव से संपर्क साधा. कुद्रयास्तेव उस टीम का एक अहम सदस्य था जिसका काम था एलेक्सी नवल्नी को ज़हर देना और उस ज़हर के सभी सबूत को मिटाना था. इसके लिए वह साइबेरिया गया था.
एलेक्सी नवल्नी ने इस आदमी को ट्रैप किया और ख़ुद इस आदमी से सच निकाल लिया. एलेक्सी ने National Security Council का सीनियर अधिकारी बनकर इस एजेंट को फ़ोन किया और कहा कि उसे एलेक्सी को ज़हर देने वाले उसके काम का एनालिसिस करने की ज़िम्मेदारी दी गई है, इसीलिए उन्हें जानकारी चाहिए.
यह एजेंट एलेक्सी की बातों में फंस गया और पूरी जानकारी दे दी. इस आदमी को पता ही नही चला कि यह जिसे जानकारी दे रहा है वह खुद एलेक्सी है. इस एजेंट ने फ़ोन पर बताया कि एलेक्सी के अंडरवियर में ज़हर डाला गया था और मात्रा भी थोड़ी ज्यादा डाली गई थी ताकि बचने का चांस न हो. एलेक्सी ने अपनी जाँच के पूरे ऑपरेशन का वीडियो भी बनाया है जिसमें फ़ोन कॉल की रिकार्डिंग भी शामिल है.
नवल्नी को ज़हर देने का शक राष्ट्रपति पुतिन के प्रशासन पर जताया गया. तीन दिन पहले सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पुतिन से इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अगर मेरे कहने पर ज़हर दिया गया होता तो ‘काम हो गया होता'. एक तरह से उन्होंने इनकार किया था लेकिन अब रूसी एजेंसी का हाथ इसमें सामने आया है.
एलेक्सी को इसी साल अगस्त में साइबेरिया से लौटते समय विमान में चाय में ज़हर दिए जाने का शक जताया गया था. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद Omsk के अस्पताल में भर्ती. कई दिन तक ICU में बेहोशी की हालत रहने के बाद उन्हें जर्मनी ले जाया गया जहां उनका इलाज हुआ. नवल्नी के इलाज में उनकी पत्नी और प्रवक्ता दोनों ने बड़ी भूमिका निभाई और जर्मनी ने पूरी मदद की. एलेक्सी को एक साल पहले भी स्पेशल डिटेंशन सेंटर में ज़हर देने की कोशिश की गई थी. फिलहाल एलेक्सी जर्मनी में किसी अज्ञात जगह पर हैं.
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