
- रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, US भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पुष्टि की.
- कामचटका क्षेत्र की राजधानी में भूकंप से बिजली कटौती, मोबाइल सेवा बाधित और इमारतों में नुकसान की सूचना मिली.
- US के राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने अलास्का और पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (U.S. Geological Survey) ने बुधवार को इसकी पुष्टि की. रूस की सरकारी मीडिया ने जानकारी दी है कि रूस के सुदूर पूर्व में तट के पास भूकंप के बाद कई लोग घायल हो गए हैं. भूकंप के बाद अमेरिका से जापान तक सुनामी की चेतावनी जारी हो गई है. जापान में 30 सेमी (1 फुट) की पहली सुनामी देखी भी गई है. जापान की मौसम एजेंसी ने कहा कि भूकंप सुबह 8:25 बजे (भारत में सुबह 4.55 बजे) आया.
जापान के एनएचके टेलीविजन के अनुसार, भूकंप देश के चार बड़े द्वीपों में से सबसे उत्तरी जापान के होक्काइडो से लगभग 250 किलोमीटर (160 मील) दूर था और इसे थोड़ा सा ही महसूस किया गया. वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (U.S. Geological Survey) ने कहा कि भूकंप का केंद्र 19.3 किलोमीटर (12 मील) की गहराई पर था. शुरुआती रिपोर्टों के तुरंत बाद (USGS) ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 8.7 तीव्रता थी.
अमेरिका के अलास्का में स्थित राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने अलास्का अलेउतियन द्वीप समूह के कुछ हिस्सों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की, और कैलिफोर्निया, ओरेगन और वाशिंगटन और हवाई सहित पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों पर निगरानी रखी. एडवाइजरी में अलास्का की तट रेखा का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है, जिसमें पैनहैंडल के कुछ हिस्से भी शामिल हैं.
अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र से सुनामी की नई चेतावनी में कहा कि इक्वाडोर और रूस के कुछ तटों पर ज्वार स्तर से 3 मीटर ऊपर की लहरें संभव हैं. वहीं चिली, हवाई, जापान, एनडब्ल्यू हवाई द्वीप, सोलोमन द्वीप के कुछ तटों पर ज्वार स्तर से 1-3 मीटर ऊपर की लहरें संभव हैं.

जापान की सुनामी सलाह के अनुसार, जो सुनामी चेतावनी से निचले स्तर की चेतावनी है, भूकंप के लगभग डेढ़ घंटे बाद पूर्वी होक्काइडो में सुनामी की पहली लहर की आशंका है. सरकार ने कहा कि उसने किसी भी आपात स्थिति में सूचना एकत्र करने और प्रतिक्रिया के लिए एक कार्यबल का गठन किया है.
वहीं टोक्यो विश्वविद्यालय के भूकंपविज्ञानी शिनिची सकाई ने एनएचके को बताया कि यदि भूकंप का केंद्र सतह के पास है तो दूर का भूकंप भी सुनामी का कारण बन सकता है जो जापान को प्रभावित करेगा. जापान, प्रशांत रिंग ऑफ फायर के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र का हिस्सा, दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण देशों में से एक है.
इससे पहले जुलाई में, कामचटका के पास समुद्र में पांच शक्तिशाली भूकंप आए थे - जिनमें से सबसे बड़ा 7.4 तीव्रता का था. सबसे बड़ा भूकंप 20 किलोमीटर की गहराई पर था और पेट्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की शहर से 144 किलोमीटर (89 मील) पूर्व में था, जहां की आबादी 180,000 है. 4 नवंबर, 1952 को, कामचटका में 9.0 तीव्रता के भूकंप से क्षति हुई लेकिन हवाई में 9.1-मीटर (30-फुट) लहरें उठने के बावजूद किसी की मृत्यु की सूचना नहीं मिली.
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