पंजशीर में तालिबान के घुसने के दावों को विद्रोही बलों ने किया खारिज : रिपोर्ट

लंबे समय से, पंजशीर में विद्रोही लड़ाकों ने एक पहाड़ की चोटी से एक भारी मशीनगन से फायरिंग करके तालिबान आतंकवादियों को गहरी पंजशीर घाटी में क्षेत्र पर कब्जा करने से रोक रखा है. ये लड़ाके नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) से हैं.

पंजशीर में तालिबान के घुसने के दावों को विद्रोही बलों ने किया खारिज : रिपोर्ट

लंबे समय से पंजशीर में विद्रोही लड़ाकों ने तालिबान सेना को घाटी में घुसने से रोक रखा है. (फाइल फोटो)

काबुल (अफगानिस्तान):

अफगानिस्तान (Afghanistan) के पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) में तालिबान (Taliban) सेना के चारों दिशाओं से घुसने के दावों को विद्रोही बलों ने खारिज कर दिया है. विद्रोही बलों ने शनिवार को तालिबान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि तालिबान सेना कहीं नहीं घुस पा रही है.

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अहमद मसूद समर्थकों ने पंजशीर की ओर तालिबान के आगे बढ़ने के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि किसी ने भी प्रांत में प्रवेश नहीं किया है. विद्रोही मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा, "पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं है और किसी ने भी प्रांत में प्रवेश नहीं किया है."

इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि उनकी सेना पंजशीर प्रांत में घुस गई है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट में तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा, "कोई लड़ाई नहीं हुई, लेकिन अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के मुजाहिदीन बिना किसी प्रतिरोध का सामना किए विभिन्न दिशाओं से आगे बढ़े. इस्लामिक अमीरात की सेना ने विभिन्न दिशाओं से पंजशीर में प्रवेश किया है." 

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अहमद मसूद (प्रसिद्ध अफगान कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे और तालिबान के खिलाफ विद्रोही नेताओं में से एक हैं) और अमरुल्ला सालेह (पूर्व अफगान सरकार के पहले उपराष्ट्रपति) - तालिबान को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं.

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लंबे समय से, पंजशीर में विद्रोही लड़ाकों ने एक पहाड़ की चोटी से एक भारी मशीनगन से फायरिंग करके तालिबान आतंकवादियों को गहरी पंजशीर घाटी में क्षेत्र पर कब्जा करने से रोक रखा है. ये लड़ाके नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) से हैं, जो तालिबान द्वारा काबुल की घेराबंदी के बाद सबसे मजबूत ताकत बनकर उभरे हैं. पंजशीर घाटी काबुल से लगभग 90 मील उत्तर में हिंदु कुश पहाड़ों में स्थित है. तालिबान अभी तक यहां कब्जा नहीं कर पाया है.