(प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाशिंगटन:
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने वाशिंगटन के साथ अपने देश के संबंधों में तनाव होने की बात स्वीकार की और साथ ही अमेरिका से यह आग्रह किया कि वह इस्लामाबाद को संकुचित सोच के साथ नहीं देखे. अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को दो अरब डॉलर की सहायता रोक दी क्योंकि इस्लामाबाद अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर अंकुश लगाने तथा उनकी पनाहगाहों को खत्म करने में नाकाम रहा. पाकिस्तानी राजदूत एजाज अहमद चौधरी ने एक थिंकटैंक के कार्यक्रम में कहा, ‘वर्तमान समय में यह (अमेरिका-पाक संबंध) तनावग्रस्त है. मुझे यह स्वीकार करना होगा.’
चौधरी ने कहा कि मेरे हिसाब से ऐसा इसलिए है क्योंकि कभी-कभी अमेरिका में पाकिस्तान को किसी एक या दूसरे चश्मे से देखा जाता है. उन्होंने कहा, ‘कभी-कभार हमें अफगानिस्तान के चश्मे से देखा जाता है, अफगानिस्तान में अमेरिका प्रगति नहीं कर रहा है और यह स्थिति नाकामी तक पहुंच सकती है.
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ऐसे में पाकिस्तान को संकुचित सोच के साथ देखने का चलन हो गया है.’ चौधरी ने कहा कि कभी-कभी पाकिस्तान को चीन के चश्मे से देखा जाता है और यह माना जाता है कि पाकिस्तान चीन के करीबी है और ऐसे में वह अमेरिका के साथ मित्रवत नहीं रहेगा.
VIDEO : बीएसएफ ने पाकिस्तान पर दाग दिए 9000 गोले, तेल डीपो तबाह
एक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत को अमेरिका द्वारा भूमिका दी गई है. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत इस मौके का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ दोहरा दबाव पैदा करने के लिए कर रहा है.’ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन भारतीय नेतृत्व को लगता है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चौधरी ने कहा कि मेरे हिसाब से ऐसा इसलिए है क्योंकि कभी-कभी अमेरिका में पाकिस्तान को किसी एक या दूसरे चश्मे से देखा जाता है. उन्होंने कहा, ‘कभी-कभार हमें अफगानिस्तान के चश्मे से देखा जाता है, अफगानिस्तान में अमेरिका प्रगति नहीं कर रहा है और यह स्थिति नाकामी तक पहुंच सकती है.
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एक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत को अमेरिका द्वारा भूमिका दी गई है. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत इस मौके का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ दोहरा दबाव पैदा करने के लिए कर रहा है.’ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन भारतीय नेतृत्व को लगता है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं है.
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