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This Article is From Jun 10, 2011

राना को हो सकती है अधिकतम 30 साल कैद की सजा

तहव्वुर राना को दो आरोपों के मामले में 30 साल की अधिकतम सजा हो सकती है और उसे बिना मुचलके के हिरासत में रखा जा सकता है।
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शिकागो: अमेरिकी न्याय विभाग के एक वक्तव्य में कहा गया है कि तहव्वुर राना को दो आरोपों के मामले में 30 साल की अधिकतम सजा हो सकती है और उसे बिना मुचलके के हिरासत में रखा जा सकता है। अब तक सजा सुनाए जाने की तारीख तय नहीं हुई है। इस फैसले की घोषणा अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज न्यायमूर्ति हैरी डी लिनेनवीबर ने की। न्याय विभाग के प्रवक्ता रैंडेल सैम्बोर्न ने बताया, संघीय अदालत की ज्यूरी ने राना को डेनमार्क में आतंकवादी साजिश के लिए साज-ओ-सामान उपलब्ध कराने और लश्कर-ए-तैयबा को साज-ओ-सामान मुहैया कराने के आरोप में दोषी ठहराया है। उसे मुंबई हमलों की साजिश में साज-ओ-सामान उपलब्ध कराने का दोषी नहीं ठहराया गया। राना फैसला सुनने के बाद स्तब्ध रह गया। शिकागो की अदालत में तीन सप्ताह तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया है। अभियोजकों ने आरोप लगाया कि राना को मुंबई हमलों के बारे में जानकारी थी और वह आतंकवादी गुटों और पाकिस्तान में उनके नेताओं के संपर्क में था। दूसरी ओर राणा के एटॉर्नी ने कहा कि हेडली ने हर बार झूठ बोलकर राना को बेवकूफ बनाया। पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक हेडली मुकदमे के दौरान सरकारी गवाह था। हेडली ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक समझौता कर लिया था, जिसके तहत उसे दूसरे संदिग्धों के खिलाफ गवाही देनी थी। इस समझौते के तहत ऐसा किए जाने पर उसे न तो मौत की सजा दी जाती और न ही भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क प्रत्यर्पित किया जाता। न्याय विभाग के इस वक्तव्य में बताया गया है कि शिकागो में आव्रजन का व्यवसाय चलाने वाले राना को डेनमार्क के एक अखबार के खिलाफ आतंकवादी साजिश में शामिल होने और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी गुटों को साज-ओ-सामान उपलब्ध कराने का दोषी ठहराया गया है। इसमें कहा गया है, राना को 16 मई से अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शुरू हुए मुकदमे में दो दिन के विचार-विमर्श के बाद संघीय ज्यूरी ने दोषी ठहराया है। ज्यूरी ने उसे मुंबई में नवंबर, 2008 में हुए हमले में साज-ओ-सामान मुहैया कराने की साजिश के मामले में बरी कर दिया। इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 160 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष से कहा है कि वह 15 अगस्त तक मुकदमे के बाद के दस्तावेज जमा करे। राना के वकील पैट्रिक ब्लेगन ने कहा, हमें नहीं पता कि ज्यूरी क्या सोच रही है। उन्होंने कहा, हम इससे बहुत व्यथित हैं। ब्लेगन के मुताबिक, राना को जिन दोनों मामलों में दोषी ठहराया गया है, उन दोनों में उसे 15-15 साल की सजा हो सकती है और इस तरह उसे अधिकतम 30 साल की सजा संभावित है। उन्होंने कहा कि ज्यूरी ने फैसला किया है कि राना ने लश्कर को साज-ओ-सामान मुहैया कराया, लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई।

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तहव्वुर राना, मुंबई हमला, डेविड हेडली, शिकागो कोर्ट
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