इजरायल ने फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के साथ गाजा पट्टी (Gaza Strip) में करीब एक साल से जंग लड़ने के बाद अब लेबनान में मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) बीते 5 दिनों से लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट कर रही है. इससे पहले हिज्बुल्लाह के लड़ाकों को बांटे जाने वाले पेजर्स और वॉकी-टॉकी में धमाके भी हो चुके हैं. ऐसे में हिज्बुल्लाह भी इजरायल को इन हमलों का जवाब दे रहा है. बीती रात (मंगलवार) को हिज्बुल्लाह ने इजरायल के हाइफा शहर में कई रॉकेट दागे. खास बात ये है कि हिज्बुल्लाह ने इजरायल का सामना करने के लिए अपने दो दमदार रॉकेट फादी-1 और फादी-2 को भी एक्टिवेट कर दिया है.
आइए जानते हैं हिज्बुल्लाह के फादी-1 और फादी-2 रॉकेट कितने दमदार हैं? इजरायल का सामना करने के लिए हिज्बुल्लाह के पास कौन-कौन से हथियार हैं? ईरान से हिज्बुल्लाह को कौन से हथियार मिले हैं:-
हिज्बुल्लाह दुनिया का सबसे ज्यादा हथियारों से लैस गैर-सरकारी संगठन है. इसे एक ऐसा मिलिशिया ग्रुप बताया गया है, जो किसी देश की आर्मी की तरह ट्रेंड है और मॉर्डन हथियारों से लैस भी. हिज्बुल्लाह की मिसाइलों और उसके रॉकेटों की लिस्ट देखकर ये बात समझ में आती है. हिज्बुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ भारी मात्रा में अपने रॉकेट तैनात कर रखे हैं.
क्या है फादी?
फादी एक तरह का रॉकेट है. लेबनान के मिलिशिया ग्रुप हिज्बु्ल्लाह ने पहली बार इजरायल के खिलाफ इन रॉकेटों का इस्तेमाल किया है. ये रॉकेट बाकी रॉकेटों के मुकाबले ज्यादा विस्फोटक शक्ति और ज्यादा रेंज वाला होता है, लेकिन इसमें सटीकता की कमी होती है. रविवार को हिज्बुल्लाह ने उत्तरी इजरायल में राफेल मिलिट्री इंडस्ट्री कॉम्प्लेक्स पर बमबारी की थी. हिज्बुल्लाह ने तब न सिर्फ फादी-1 और फादी-2, बल्कि कत्यूषा और बुर्कान रॉकेट का भी इस्तेमाल किया.
फादी रॉकेट की कितनी रेंज
हिजबुल्लाह के हवाले से ईरानी न्यूज एजेंसी 'मेहर' के मुताबिक, फादी एक मल्टी पर्पज सरफेस टू सरफेस यानी जमीन से जमीन पर मार करने वाला रॉकेट है. 220 MM कैलिबर की कैनन से दागे जाने वाले फादी-1 रॉकेट की मारक क्षमता करीब 80 किलोमीटर तक है. जबकि 302 MM की कैनन से दागे जाने वाले फादी-2 रॉकेट की रेंज करीब 105 किलोमीटर तक है. फादी-1 वर्जन 6 मीटर (20 फीट) लंबा है. इसमें में 83 किलोग्राम (183 पाउंड) का पेलोड लगा है. जबकि फादी-2 में170 किलोग्राम का पैलोड लगा है.
कैसा है इस रॉकेट का डिजाइन?
ब्रिटिश सुरक्षा फर्म जेन्स के रीजनल एक्सपर्ट इलियट चैपमैन ने कहा, "नॉन-गाइडेड फादी को सीरिया के 302 MM वाले खैबर रॉकेट की तरह डिजाइन किया गया है. खैबर का डिजाइन चीन के WS-1 रॉकेट पर बेस्ड है. हालांकि, इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ये रॉकेट लेबनान में निर्मित हैं या कहीं और बनाए गए हैं.
हिज्बुल्लाह के पास ऐसे कितने रॉकेट हैं?
कुछ अनुमान बताते हैं कि हिज्बुल्लाह के पास ऐसे हजारों नॉन गाइडेड रॉकेट हैं. इनकी मारक क्षमता 45 से 200 किलोमीटर के बीच है. हालांकि, इन रॉकेटों की सटीकता ज्यादा नहीं है.
इन रॉकेटों के क्या नाम हैं?
-हिज्बुल्लाह के पास 107 और 122 MM की कत्युषा रॉकेट.
-फज्र-1 और फलक-1/2 रॉकेट.
-333 MM शाहीन-1.
-122 MM टाइप 81 रॉकेट.
-फज्र-3 और फज्र-5.
-राड-2 और राड-3.
-302 MM खैबर-1.
-फतेह-1
-स्कड B, C और D.
-ज़लज़ल-1, ज़लज़ल-2
-यिंगजी-2 (मिसाइल)
-यखोंट (मिसाइल)
क्या हिज्बुल्लाह के पास बैलेस्टिक मिसाइलें भी हैं?
हां. लेबनान के इस मिलिशिया ग्रुप के पास 120000 से 200000 रॉकेट और मिसाइल मौजूद हैं. हिज्बुल्लाह का सबसे बड़ा सैन्य हथियार बैलिस्टिक मिसाइल है. हिज्बुल्लाह के मिसाइल कलेक्शन में 250-300 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली 1500 मिसाइलें हैं. बीते हफ्ते हिज्बुल्लाह ने इजरायल के रामट डेविड एयरबेस को निशाना बनाया था. तब उसने मिसाइलों का इस्तेमाल किया था.
अभी हिज्बुल्लाह के पास कितने हथियारों का कितना स्टॉक है?
2021 में हिज्बुल्लाह ने दावा किया कि उसके पास 100000 लड़ाके हैं, जो IISS यानी अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक संस्थान के अनुमान से दोगुना है. हिज्बुल्लाह की आर्टिलरी में ज्यादातर छोटे, पोर्टेबल और बिना गाइड वाले सतह से सतह पर मार करने वाले रॉकेट शामिल हैं. इजरायली सोर्स के मुताबिक, 2006 के लेबनान युद्ध के समय हिज्बुल्लाह के पास लगभग 15,000 रॉकेट और मिसाइलें थीं, जिनमें से 34 दिनों के संघर्ष में उसने इजरायल पर करीब 4,000 रॉकेट दागे. हिज्बुल्लाह ने तब से अपने रॉकेट स्टॉक का विस्तार किया है.
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