
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान सरकार ने कतर के एक शहजादे को एक लुप्तप्राय पक्षी का शिकार करने के लिए परमिट जारी किया है. माना जाता है कि शहजादे ने पनामा पेपर्स घोटाले से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बचाने में भूमिका निभाई थी.
पाकिस्तान में जिन अरब शाही परिवार के सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय रूप से सुरक्षित होउबारा बस्टार्ड के शिकार के लिए विशेष परमिट से नवाजा गया है उनमें कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हमाद बिन जसीम बिन जाबिर अल-थानी शामिल हैं.
डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2016-17 की सर्दियों के दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के झंग और भक्कर जिले में 10 दिन के शिकार के सफारी के दौरान अल-थानी को 100 सैलानी परिंदों का शिकार करने की इजाजत दी गई है. यह पहला मौका नहीं है जब कतर के शहजादे को शिकार के लिए विशेष परमिट दिया गया है. इस बार परमिट के समय ने पाकिस्तान में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.
अल थानी ने पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट को एक खत लिखा था जिसमें उसने शरीफ के खानदान के साथ अपने पिता के कारोबारी रिश्तों और लंदन अपार्टमेंट्स में अपनी भागीदारी का जिक्र किया था. कतरी शहजादे के इस खत से प्रधानमंत्री को वस्तुत: आरोपों से मुक्त कर दिया गया.
पाकिस्तानी अदालत विपक्षी पार्टियों की तरफ से पांच मिलती-जुलती याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें आरोप लगाया गया है कि शरीफ ने गलत ढंग से पाए धन को देश से अवैध रूप से भेजा है और संपत्तियां खरीदी हैं.
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संधियों और कानूनों के तहत होउबारा बस्टार्ड के शिकार पर प्रतिबंध है. अरब शिकारी इसके शिकार के बहुत शौकीन हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान में जिन अरब शाही परिवार के सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय रूप से सुरक्षित होउबारा बस्टार्ड के शिकार के लिए विशेष परमिट से नवाजा गया है उनमें कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हमाद बिन जसीम बिन जाबिर अल-थानी शामिल हैं.
डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2016-17 की सर्दियों के दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के झंग और भक्कर जिले में 10 दिन के शिकार के सफारी के दौरान अल-थानी को 100 सैलानी परिंदों का शिकार करने की इजाजत दी गई है. यह पहला मौका नहीं है जब कतर के शहजादे को शिकार के लिए विशेष परमिट दिया गया है. इस बार परमिट के समय ने पाकिस्तान में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.
अल थानी ने पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट को एक खत लिखा था जिसमें उसने शरीफ के खानदान के साथ अपने पिता के कारोबारी रिश्तों और लंदन अपार्टमेंट्स में अपनी भागीदारी का जिक्र किया था. कतरी शहजादे के इस खत से प्रधानमंत्री को वस्तुत: आरोपों से मुक्त कर दिया गया.
पाकिस्तानी अदालत विपक्षी पार्टियों की तरफ से पांच मिलती-जुलती याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें आरोप लगाया गया है कि शरीफ ने गलत ढंग से पाए धन को देश से अवैध रूप से भेजा है और संपत्तियां खरीदी हैं.
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संधियों और कानूनों के तहत होउबारा बस्टार्ड के शिकार पर प्रतिबंध है. अरब शिकारी इसके शिकार के बहुत शौकीन हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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