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This Article is From Apr 05, 2020

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत के केंद्रीय मंत्री के दावे को किया खारिज, कोविड-19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा की बात गलत

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत से आई उन खबरों का खंडन किया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद उनके स्वस्थ होने का संबंध दक्षिण भारत के एक रिसॉर्ट से आयुर्वेद और होम्योपैथी उपचार से था.

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत के केंद्रीय मंत्री के दावे को किया खारिज, कोविड-19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा की बात गलत
प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत के केंद्रीय आयुष मंत्री के दावे को खारिज किया है.
लंदन:

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत से आई उन खबरों का खंडन किया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद उनके स्वस्थ होने का संबंध दक्षिण भारत के एक रिसॉर्ट से आयुर्वेद और होम्योपैथी उपचार से था. प्रिंस चार्ल्स (71) के कार्यालय क्लेरेंस हाउस ने शनिवार को बताया कि स्व-पृथक वास से बाहर आने के बाद प्रिंस ने शुक्रवार को यहां ब्रिटेन के पहले अस्थायी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) फील्ड अस्पताल का उद्घाटन किया. कार्यालय ने बताया कि एनएचएस के परामर्श के बाद प्रिंस ऑफ वेल्स स्वस्थ्य हुए.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने इस हफ्ते की शुरूआत में दावा किया था कि बेंगलुरु में ‘सौख्य' नाम से एक आयुर्वेद रिसॉर्ट चलाने वाले डॉ आइजक मथाई ने उन्हें बताया है कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिये उनके द्वारा किया गया इलाज सफल रहा. क्लेरेंस हाउस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह सूचना गलत है. प्रिंस ने ब्रिटेन स्थित एनएचएस की चिकित्सीय परामर्श का पालन किया तथा इसके अलावा कुछ नहीं है.''

प्रिंस चार्ल्स आयुर्वेद के एक मुखर समर्थक रहे हैं और वह अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान लंदन स्थित विज्ञान संग्रहालय में एक नये आयुर्वेद उत्कृष्टता केंद्र के उदघाटन में भी उपस्थित रहे थे. इस बीच, प्रिंस चार्ल्स ने स्कॉटलैंड स्थित अपने आवास से काम करना जारी रखा है. उन्होंने वीडियो लिंक के जरिये एनएचएस का उद्घाटन किया.

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