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This Article is From Sep 25, 2015

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा को भेंट किए जाने वाले तिरंगे पर किए हस्ताक्षर, शुरू हुआ विवाद

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा को भेंट किए जाने वाले तिरंगे पर किए हस्ताक्षर, शुरू हुआ विवाद
पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा को उपहार में दिए जाने वाले भारतीय ध्वज पर अपने हस्ताक्षर किए थे।  फिर उन्होंने इसे सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना को दे दिया था। ऐसे आरोप लगे हैं। अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि ध्वज संहिता के अनुसार तिरंगे पर कुछ भी नहीं लिखा जा सकता, वहीं ध्वज संहिता के इस कथित उल्लंघन को लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं आई हैं।

सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं और विवाद शुरू हो गया। पीएम मोदी के तिरंगे पर दस्तखत करने का मुद्दा छा गया, जिसे खन्ना ने बताया कि वह ओबामा को भेंट करेंगे।
हालांकि कई पत्रकारों का कहना था कि यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन ट्विटर पर #ModiDisrespectsTricolour ट्रेंड करने लगा और लोग धड़ाधड़ ट्वीट करने लगे।खन्ना ने कल रात फॉर्च्यून 500 में सूचीबद्ध कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रात्रिभोज का मेन्यू तैयार किया था। शेफ ने पीएम मोदी के हस्ताक्षर वाला तिरंगा मीडिया को भी दिखाया।

वापस लिया गया ध्वज
हालांकि खबरों के मुताबिक विवाद शुरू होने के बाद अधिकारियों ने यह पता लगाने के लिए भारतीय ध्वज को ले लिया कि कहीं ध्वज संहिता का कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ।

हम संकीर्ण सोच वाले नहीं : कांग्रेस
क्या राष्ट्रीय ध्वज पर हस्ताक्षर करने का प्रधानमंत्री का कदम आईपीसी के तहत कोई अपराध है। इस पर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नई दिल्ली में कहा, ‘‘हम भाजपा की तरह संकीर्ण सोच वाले नहीं हैं। हम प्रधानमंत्री के पद का सम्मान करते हैं।’’

उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को इस बारे में विचार करके सुधारात्मक कदम उठाना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना 125 करोड़ जनता की जिम्मेदारी है, और उससे भी अधिक प्रधानमंत्री की है।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आप ऊंचे पद पर बैठे हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज आपसे ऊपर है। आपको इसे समझना चाहिए।’’

प्रधानमंत्री को ध्वज संहिता पता होनी चाहिए : तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री ने ध्वज संहिता 2002 का पैरा 2.1, सब पैरा 6 और पैरा 3.28 पढ़ा है, जिसमें लिखा है कि राष्ट्रीय ध्वज पर लिखना दुरुपयोग करना है। इसके लिए पीआईएनएच कानून 2003 के तहत तीन साल की कैद की सजा का प्रावधान है।’’

बीजेपी का जवाब : प्रधानमंत्री पर ‘असंगत और अनुचित’ टिप्पणी
भाजपा ने कांग्रेस पर बिना किसी बात के विवाद खड़ा करने का और प्रधानमंत्री पर ‘असंगत और अनुचित’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया। भाजपा ने इस मुद्दे के सहारे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी मोदी की संकीर्ण आलोचना करके अपने नेताओं की गैरमौजूदगी को ढकने की कोशिश कर रही है जो विदेश में छुट्टी मना रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने कहा, ‘‘कांग्रेस इस तरह के मुद्दे उठाकर संकीर्णता दिखा रही है और बिना बात के विवाद खड़ा कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास वाकई विवाद खड़ा करने के लिए कुछ नहीं है। वह अपने पूरे नेतृत्व की गैरमौजूदगी को छिपाने के लिए ऐसा कर रही है जो सम्मेलनों में शामिल होने के बहाने विदेश में छुट्टी मना रहा है।’’ राव ने कहा कि कांग्रेस मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश है और इसलिए हर मुद्दे पर उनके बारे में ‘अनुचित और असंगत’ बयान दे रही है।

पीएम मोदी ने शेफ विकास को दिया तिरंगा
प्रधानमंत्री मोदी ने शेफ विकास खन्ना को यह तिरंगा दिया था और उनसे कहा था कि यहां वाल्डोर्फ अस्टोरिया होटल में उनसे मुलाकात करने वाले मेहमानों के लिए शानदार मेन्यू तैयार करके खन्ना ने उन्हें गौरवान्वित किया है। पीएम मोदी के मेहमानों में अमेरिका की करीब शीर्ष 50 कंपनियों के सीईओ शामिल थे।

क्या कहता है फ्लैग कोड ऑफ इंडिया
26 जनवरी, 2002 से लागू ध्वज कोड तीन पार्ट में है। इसके पार्ट 3 (सेक्शन 5) में भारतीय ध्वज के दुरुपयोग के बारे में बताया गया है। इसके प्वाइंट 3.28 में साफ लिखा है कि तिरंगे पर किसी भी तरह से कुछ भी नहीं लिखना चाहिए। कुछ भी लिखना या हस्ताक्षर करना ध्वज संहिता का उल्लंघन है।

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