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This Article is From Apr 07, 2013

तीसरी सीट के लिए मुशर्रफ के नामांकन पत्र को मिली मंजूरी

इस्लामाबाद: कराची की एक संसदीय सीट के लिए परवेज मुशर्रफ के नामांकन पत्र को जहां खारिज कर दिया गया, वहीं निर्वाचन अधिकारियों ने उत्तरी पाकिस्तान के एक दूसरी संसदीय सीट के लिए उनके नामांकन पत्र को स्वीकार कर लिया।

चुनाव अधिकारियों ने कराची में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र संख्या 250 के लिए पूर्व सैन्य शासक के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया। जमाते इस्लामी के नेता नियामतुल्ला खान ने मुशर्रफ की उम्मीदवारी को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि मुशर्रफ ने दो बार संविधान का उल्लंघन एवं दुरूपयोग किया और 2007 में आपातकाल घोषित करने के बाद न्यायाधीशों को नजरबंद कर दिया। खान 11 मई को होने वाले चुनावों में इसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

अधिकारियों ने बताया की मुशर्रफ ने न्यायापालिका के सदस्यों के खिलाफ जो कदम उठाए थे, उन्हें लेकर पीठासीन अधिकारी ने उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया। निर्वाचन अधिकारियों ने खैबर-पख्तूनख्वा के चित्राल संसदीय सीट के लिए मुशर्रफ का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने शासनकाल में चित्राल में कई विकास परियोजनाएं शुरू की थी, जिस वजह से उन्हें यहां काफी समर्थन हासिल है।

सैयद तारिक अली नाम के एक व्यक्ति ने भी इस्लामाबाद के एक दूसरे संसदीय क्षेत्र के लिए मुर्शरफ के नामांकन पत्र का विरोध किया। इससे पहले पंजाब के कसूर संसदीय क्षेत्र के पीठासीन अधिकारी ने गत शुक्रवार को यह कहते हुए मुशर्रफ का नामांकन खारिज कर दिया था कि नामांकन पत्र पर दर्ज हस्ताक्षर मुशर्रफ के राष्ट्रीय परिचय पत्र के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते।

जावेद कसूरी नाम के एक वकील ने भी कसूर से मुशर्रफ की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए था कि पूर्व राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 का उल्लंघन किया था, जिनमें यह बातें निर्दिष्ट हैं कि उम्मीदवारों को अच्छे चरित्र का और बुद्धिमान, ईमानदार एवं सही आचरण वाला व्यक्ति होना चाहिए। मुशर्रफ ने कराची, इस्लामाबाद, चित्राल और कसूर में चार अलग-अलग संसदीय सीटों से आम चुनाव लड़ने लिए अपना नामांकन पत्र दायर किया था।

इस बीच मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की एक तीन-सदस्यीय न्यायपीठ, रावलपिंडी उच्च न्यायालय बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष तौसिफ आसिफ द्वारा मुर्शरफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाने संबंधी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगी।

सोमवार को होने वाली सुनवाई में न्यायपीठ यह तय करेगी कि लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद हाल में पाकिस्तान लौटे मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला शुरू किया जाए या नहीं। पीएमएल-नवाज ने भी निर्वाचन आयोग के समक्ष आवेदन दाखिल कर मुशर्रफ के चार मामलों में आरोपी होने का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव लड़ने के अयोय करार देने की मांग की है। इनमें बेनजीर भुट्टो की हत्या और 2006 में एक सैन्य अभियान में बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या के मामले शामिल हैं।

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