विज्ञापन
This Article is From May 23, 2012

मिस्र में क्रांति के बाद आज पहली बार राष्ट्रपति पद का चुनाव

मिस्र में क्रांति के बाद आज पहली बार राष्ट्रपति पद का चुनाव
काहिरा: मिस्र में क्रांति के बाद पहली बार हो रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 5.2 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। चुनाव मैदान में 12 प्रत्याशी हैं। दो दिन के इस चुनाव में अगर किसी भी प्रत्याशी को बहुमत नहीं मिलेगा, तो सर्वाधिक मत पाने वाले शीर्ष दो प्रत्याशियों के बीच 16 और 17 जून को फिर से मुकाबला होगा। इस रनऑफ में जीतने वाला प्रत्याशी मिस्र में हुस्नी मुबारक के दौर के बाद पहला राष्ट्रपति बनेगा।

नए राष्ट्रपति का कार्यकाल 1 जुलाई से शुरू होगा। प्रधानमंत्री कमाल अल गनजौरी ने चुनाव के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों के लिए एक दिन के अवकाश की घोषणा की है ताकि सरकारी संस्थाओं में कामकाज प्रभावित न हो। मंत्रिमंडल की आज हुई एक बैठक में चुनाव की निगरानी पर चर्चा की गई।

इस बीच, विधि मंत्री अब्देल हमीद ने एक विशेष पैनल चुनाव की निगरानी के लिए बनाया है। उन्होंने कहा, लोग कोई भी समस्या होने पर 19303 नंबर पर फोन कर सकते हैं। गनजौरी ने नागरिकों से अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने और बहुमत के फैसले को स्वीकार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि चुनाव शांतिपूर्ण होगा। मैं सभी राजनीतिक दलों से नतीजे स्वीकार करने का आह्वान करता हूं। राजनीतिक दलों, क्रांतिकारी बलों और ट्रेड यूनियनों ने भी निगरानी कक्ष बनाए हैं, जबकि ईजिप्ट मूवमेंट के न्यायाधीशों ने 350 न्यायाधीशों और 1,500 पर्यवेक्षकों को निगरानी के लिए नियुक्त किया है।

राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त 53 मानवाधिकार समूहों के 9,457 पर्यवेक्षक भी विभिन्न मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे। कार्टर सेंटर ने 14 देशों के 22 अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रचार, मतदान और मतगणना की प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करने की अनुमति दी है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने मंगलवार को मिस्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए गनजौरी से मुलाकात की। मुस्लिम ब्रदरहुड ने भी 300 निगरानी कक्ष और 30 समितियां बनाई हैं जो चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगी। मतदान केंद्रों पर उसने 70,000 प्रतिनिधि भेजे हैं। मिस्रवासी उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग के महासचिव हातेम बागातो ने कहा कि अपदस्थ राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक और उनके पुत्र गमाल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान करने का अधिकार है।

बहरहाल, बागातो ने कहा कि आयोग को मुबारक और गमाल की ओर से चुनाव में भाग लेने के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आयोग बंदियों द्वारा मतदान के लिए किए गए अनुरोध पर अभी विचार कर रहा है। गृह मंत्रालय के जेल विभाग के सूत्रों ने बताया कि 42 जेलों में 7,000 से 10,000 बंदी हैं जिनके खिलाफ जांच लंबित है।

इन बंदियों को राष्ट्रपति पद के लिए बुधवार एवं बृहस्पतिवार को हो रहे चुनाव में मतदान का अधिकार है और इन लोगों ने इसके लिए आवेदन भी किया है। सूत्रों ने बताया कि मेडिकल सेंटर में बंद पूर्व राष्ट्रपति मुबारक और उनके प्रशासन के 44 अधिकारियों को पांच अलग अलग जेलों में रखा गया है। इन सभी ने मतदान के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है। मिस्र के कानून के मुताबिक, जब तक बंदी दोषी नहीं ठहराए जाते, तब तक उन्हें मतदान का अधिकार होता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com