एच-1बी वीजा और अन्य गैर आव्रजक वीजा को अस्थाई तौर पर निलंबित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम और आव्रजन पर उनकी प्रतिबंधात्मक नीतियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक होगी. अमेरिकी भारतीय व्यापार परिषद (USBIC) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'यह (अधिघोषणा) दुर्भाग्यपूर्ण है.' ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की अधिघोषणा जारी की थी.
ट्रंप ने कहा था कि यह कदम लाखों अमेरिकियों की मदद के लिए जरूरी है जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से नौकरियां गंवा दी हैं. ट्रंप के इस कदम से यूएस चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स और USIBC सहमत नहीं हैं. बिस्वाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले कई साल में एच1बी वीजा और एल1 बी वीजा के तहत अन्य देशों से उच्च-कौशल प्राप्त कर्मियों के आव्रजन से अमेरिका को खासकर तकनीक के क्षेत्र में खासा लाभ हुआ है.'
उन्होंने कहा कि H-1B वीज़ा के तहत वर्कर्स को नौकरी पर रखने वाली बहुत सारी कंपनियां ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रही हैं, जिसके अमेरिकी वर्कर्स को इन नौकरियों के लिए जरूरी स्किल सीखने में मदद मिलेगी लेकिन इस वीज़ा प्रोग्राम पर रोक लगाने से इन अमेरिकी वर्कर्स को दक्ष बनाने में बाधा आएगी, जिससे कि उन्हें नौकरी मिलने में मुश्किल होगी. देसाई ने कहा, 'इन कंपनियों के सामने चुनौती यह है कि उन्हें काम कराना है, ऐसे में अगर यहां टैलेंट नहीं मिलेगा तो आईटी सर्विस देने वाली या इस टैलेंट को इस्तेमाल करने वाली ये जो कंपनियां हैं, वो बाहर नौकरी देने लगेंगी.'
VIDEO: 31 दिसंबर 2020 तक H1-B वीजा पर पाबंदी जारी
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं