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This Article is From Sep 22, 2013

नेपाल के राजनीतिक मामलों का ‘वृहद प्रबंधन’ बंद करें भारत : प्रचंड

नेपाल के राजनीतिक मामलों का ‘वृहद प्रबंधन’ बंद करें भारत : प्रचंड
फाइल फोटो।
काठमांडू: माओवादी प्रमुख प्रचंड ने भारत को नेपाल के राजनीतिक मामलों का ‘वृहद प्रबंधन’ बंद करने के लिए आगाह करते हुए कहा कि इससे भारतीय हितों को नुकसान होगा।

प्रचंड ने ‘कांतिपुर’ राष्ट्रीय दैनिक के प्रधान संपादक सुधीर शर्मा की किताब ‘प्रयोगशाला’ के विमोचन के लिए आयोजित समारोह में कहा ‘भारत को नेपाल के राजनीतिक मामलों के वृहद प्रबंधन में शामिल नहीं होना चाहिए जैसे किसे प्रधानमंत्री बनना चाहिए और किसे नहीं।’

किताब में दशकभर पुराने माओवादी उग्रवाद और बर्खास्त राजशाही के आसपास के राजनीतिक तानेबाने को केंद्र बनाया गया है। लेखक ने किताब में दावा किया है कि भारत का नेपाली राजनीति पर गहरा प्रभाव है।

प्रचंड ने चेताया कि नेपाल के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप भारत के लिए ही हानिकारक होगा। यह बात प्रचंड ने ऐसे समय कही है जब 19 नवंबर को देश में संविधान सभा के चुनाव होने हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी नेपाल में संघर्ष के दिनों में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ कूटनीतिक समझौतों पर सहमत हो गई थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री वाजपेयी, चीन, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर शांति प्रक्रिया में आने की इच्छा जताई थी।

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