रोम:
गुड फ्राइडे के मौके पर रोम की एक जेल में पोप फ्रांसिस ने करीब 12 कैदियों के पैर धोए और उन्हें चूमा। यह पहला मौका है, जब ईस्टर के इस पवित्र मौके पर किसी पोप ने जेल में इस तरह का काम किया है, जिन लोगों के पैर धोए गए उनमें हर जाति के लोग थे।
पोप फ्रांसिस ने जिन कैदियों के पैरों को धोया, उनमें दो लड़कियां भी शामिल थीं। इनमें एक मुस्लिम महिला कैदी भी शामिल है।
पोप इससे पहले बतौर आर्चबिशप भी इस अनुष्ठान को लंबे समय से करते रहे हैं। इससे पहले पोप ने अपने संदेश में कहा था कि पादरी आत्म की तलाश का काम कम करें और श्रद्धालुओं पर ज्यादा ध्यान दें।
उन्होंने कहा, हमें बाहर निकलने की जरूरत है। बाहरी इलाकों में जाएं जहां दुख-तकलीफे और खूनखराबा है।
गौरतलब है कि बाइबिल में कहा गया है कि ईसा मसीह ने खुद को सलीब पर चढ़ाए जाने से एक दिन पहले 12 धर्मदूतों के पैरों को इसी तरह धोया था।
पोप फ्रांसिस ने जिन कैदियों के पैरों को धोया, उनमें दो लड़कियां भी शामिल थीं। इनमें एक मुस्लिम महिला कैदी भी शामिल है।
पोप इससे पहले बतौर आर्चबिशप भी इस अनुष्ठान को लंबे समय से करते रहे हैं। इससे पहले पोप ने अपने संदेश में कहा था कि पादरी आत्म की तलाश का काम कम करें और श्रद्धालुओं पर ज्यादा ध्यान दें।
उन्होंने कहा, हमें बाहर निकलने की जरूरत है। बाहरी इलाकों में जाएं जहां दुख-तकलीफे और खूनखराबा है।
गौरतलब है कि बाइबिल में कहा गया है कि ईसा मसीह ने खुद को सलीब पर चढ़ाए जाने से एक दिन पहले 12 धर्मदूतों के पैरों को इसी तरह धोया था।
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