पोलियो के निपटने में भारत काफी पीछे है. तस्वीर: प्रतीकात्मक
मोगादिशू:
आर्थिक रूप से कमजोर देश सोमालिया ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में खास मुकाम हासिल कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को कहा कि बीते तीन वर्षो में सोमालिया में पोलिया का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है, जिस वजह से इसे पोलियो मुक्त घोषित किया जाता है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सोमालिया में पोलियो का आखिरी मामला 2014 में दर्ज हुआ था लेकिन उसके बाद इसका कोई मामला सामने नहीं आया है. डब्ल्यूएचओ ने चेताते हुए कहा कि लेकिन पोलियो का टीका लगाने की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए. डब्ल्यूएचओ पूर्वी भूमध्यसागर प्रमुख मोहम्मद फिकी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सरकारी की ओर से पुरजोर तरीके से चलाए गए पोलियो टीकाकरण अभियान से यह सुनिश्चित किया गया वायरस का प्रकोप दोबारा से नहीं फैले.
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इसके अलावा अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में अभी भी पोलियो से ग्रस्त हैं. सोमालिया के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल्लाही फरमाजो ने अपने देश को पोलियो की बीमारी से मुक्त बनाने के प्रयासों की प्रशंसा की.
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फरमाजो ने कहा, "बीते तीन वर्षो से पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं या और न ही इस बीमारी से कोई बच्चा ग्रस्त हुआ. हमारे कई बच्चे कई वर्षो से पोलियो से जूझते रहे. पोलियो को जड़ से उखाड़ फेंकना एक सफलता थी. यह एक सामूहिक प्रयास था, जिसमें युवाओं की बड़ा हाथ रहा."
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सोमालिया पोलियो से मुक्त हो गया है लेकिन यह अभी भी खसरे के प्रकोप से जूझ रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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इसके अलावा अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में अभी भी पोलियो से ग्रस्त हैं. सोमालिया के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल्लाही फरमाजो ने अपने देश को पोलियो की बीमारी से मुक्त बनाने के प्रयासों की प्रशंसा की.
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फरमाजो ने कहा, "बीते तीन वर्षो से पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं या और न ही इस बीमारी से कोई बच्चा ग्रस्त हुआ. हमारे कई बच्चे कई वर्षो से पोलियो से जूझते रहे. पोलियो को जड़ से उखाड़ फेंकना एक सफलता थी. यह एक सामूहिक प्रयास था, जिसमें युवाओं की बड़ा हाथ रहा."
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सोमालिया पोलियो से मुक्त हो गया है लेकिन यह अभी भी खसरे के प्रकोप से जूझ रहा है.
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