प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर में प्रस्तावित अमेरिका दौरे के दौरान उनके अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने की संभावना नहीं है। दरअसल, नवंबर में कांग्रेस का चुनाव होना है और इस कारण अधिकतर सांसद वाशिंगटन से दूर अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए रहेंगे। कांग्रेस के चुनाव के कारण इसका सत्र भी सितंबर में ही समाप्त हो रहा है।
हालांकि अमेरिका के दोनों दलों - रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के सांसदों ने संसद का सत्र 29 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच बढ़ाने की मांग की है, ताकि मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर सकें। इससे पहले 30 जुलाई को प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी के स्पीकर जॉन बोएनर ने पत्र लिखकर मोदी को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का न्योता दिया था।
'फॉरेन पॉलिसी' पत्रिका ने एक शीर्ष राजनयिक के हवाले से कहा, "यह कई भारतीयों और अमेरिका के लिए निराशाजनक खबर है, जिन्हें यह उम्मीद की थी कि कांग्रेस को संबोधित करने के लिए मोदी को दिया गया न्योता भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देने का ऐतिहासिक अवसर होगा। अमेरिकी कांग्रेस ने मोदी को सम्मानित करने का अवसर गंवा दिया।"
इस बीच, प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ डेमोक्रेट सांसद ब्रैड शेरमन और सदन के 87 अन्य सदस्यों ने इस सप्ताह सदन के अध्यक्ष से अपील की है कि कांग्रेस के सत्र को 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जारी रखा जाए, ताकि मोदी को उनके प्रस्तावित अमेरिकी दौरे के दौरान संयुक्त सत्र को संबोधित करने का अवसर मिल सके।
गौरतलब है कि मोदी से पहले भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह अमेरिकी दौरे के दौरान वहां की कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित कर चुके हैं।
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