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This Article is From Aug 31, 2014

पीएम नरेंद्र मोदी ने क्योटो में दो प्रमुख बौद्ध मंदिरों के दर्शन किए

पीएम नरेंद्र मोदी ने क्योटो में दो प्रमुख बौद्ध मंदिरों के दर्शन किए
क्योटो:

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को क्योटो में दो प्रमुख बौद्ध मंदिरों के दर्शन किए। मोदी ने यहां स्टेम सेल के अग्रणी चिकित्सक एवं वैज्ञानिक शिन्या यामानाका से मुलाकात कर भारत के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल बीमारी से निपटने में जापान से मदद भी मांगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने जापान दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत प्राचीन तोजी मंदिर जाकर की। मोदी के साथ उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे भी थे। प्रधानमंत्री करीब आधे घंटे तक प्राचीन बौद्ध मंदिर में रहे। इस दौरान उन्होंने इस बौद्ध पगोडा के इतिहास के बारे में जानकारी ली। सैकड़ों साल पुराना तोजी मंदिर जापान के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।

मंदिर के प्रमुख बौद्ध भिक्षु ने प्रधानमंत्री को पांच मंजिला मुख्य पगोडा तथा लकड़ी से बने मंदिर में घुमाया। 57 मीटर ऊंचा यह मंदिर जापान का सबसे ऊंचा पगोडा है। यह मंदिर और क्योटो दोनों का ही प्रतीक है और इसे शहर के कई स्थानों से देखा जा सकता है।

एक अन्य बौद्ध भिक्षु हासी भी मोदी के साथ थे। उन्होंने बताया, हम प्रसन्न हैं कि प्रधानमंत्री इस मंदिर में आए। हमारे मंदिर के लिए यह गर्व की बात है। उनका (मोदी का) दिल बहुत बड़ा है। जब मोदी मंदिर पहुंचे, तो वहां उन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय तिरंगा लेकर खड़े थे। मोदी ने उत्साहित लोगों से हाथ मिलाया।

अपने पांच दिवसीय जापान यात्रा के तहत शनिवार को यहां पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री ने रविवार को क्योटो के मेयर दइसाकु काडोकावा से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मोदी प्रमुख बौद्धभिक्षु की अगुवाई में क्योटो स्थित लगभग 57 मीटर ऊंचे आठवीं सदी के बौद्ध मंदिर के दर्शन के लिए गए। बौद्ध भिक्षु ने उन्हें मंदिर की विशेषताएं बताईं।

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा कि मोदी और आबे ने तोजी मंदिर के दर्शन के दौरान भारत-जापान की प्राचीन सभ्यताओं के बारे में बातें की। तोजी मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासतों की सूची में शामिल है। इसके बाद मोदी 1397 ईस्वी में निर्मित दूसरे प्राचीन बौद्ध मंदिर किनकाकु-जी के दर्शन के लिए गए। यहां उनसे मिलने आए लोगों ने बड़ी गर्मजोशी के साथ उनका अभिवाद किया, मोदी ने लोगों से बातें भी की।

किनकाकु-जी मंदिर में मोदी ने मुख्य पुरोहित 83 वर्षीय बौद्ध भिक्षु यासु नागामोरी के साथ समय बिताया। मोदी ने बड़ी ही हाजिरजवाबी के साथ नागामोरी का अभिवादन करते हुए कहा, मैं मोदी हूं और आप मोरी हैं।

मोदी क्योटो यूनिवर्सिटी में स्टेम सेल के अग्रणी चिकित्सक एवं वैज्ञानिक और 2012 के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर शिन्या यामानाका से भी मिले। उन्होंने सिकल सेल एनीमिया के इलाज और भारतीय व जापानी संस्थानों के बीच सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। भारतीय प्रधानमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया की व्यापकता विशेषकर पूरे भारत में जनजातीय सुमदायों में इसके प्रकोप पर चिंता जताई।

इस बीमारी में मानव शरीर की कोशिकाओं का लचीलापन घटने लगता है और कई जानलेवा बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो जाता है। यह बीमारी ज्यादातर उन क्षेत्रों में देखी जाती है, जहां मलेरिया का प्रकोप होता है। बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने यामानाका से इस बीमारी का इलाज ढूंढने की दिशा में काम करने का आग्रह किया है। यामानाका ने कहा कि फिलहाल उनके संस्थान सेंटर फॉर आईपीएस सेल रिसर्च एंड एप्लीकेशन में एक भी भारतीय शोधकर्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि भारतीय वैज्ञानिक इस संस्थान में शोध करें। क्योटा के मेयर काडोकावा ने मोदी के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें क्योटो की ऐतिहासिकता, हरियाली, बौद्धिकता और आधुनिकता के बारे में बताया।

(इनपुट एजेंसियों से भी)

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